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वैश्विक महामारी के बाद भारतीयों में स्मार्टफोन के मुकाबले घर और स्वास्थ्य की सुरक्षा तकनीकों पर निवेश की इच्छा तीन गुना अधिक

Editor-Ravi Mudgal 

जयपुर 08 अप्रैल 2021  – गोदरेज सिक्योरिटी साॅल्यूशंस की ओर से कोकून इफेक्ट आॅन होम एंड हैल्थ सिक्योरिटीविषय पर किए गए ताजा सर्वे में सामने आया है कि घर और स्वास्थ्य की सुरक्षा के बीच की रेखा धुंधली हो रही है और तकनीक में निवेश बदल रहा है।

मुम्बई, 07 अप्रेल 2021- देश में कोविड संक्रमण के मामले बढ़ने के साथ ही विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा बचाव और सुरक्षा के उपाय घोषित किए जा रहे हैं। ऐसे समय में गोदरेज सिक्योरिटी साॅल्यूशंस ने “कोकून इफेक्ट आॅन होम एंड हेल्थ सिक्योरिटी“ विषय पर किए गए अध्ययन के परिणाम जारी किए हैं।

यह अध्ययन बताता है कि तीन चैथाई (76.99 प्रतिशत) से ज्यादा भारतीय अब घर में स्वास्थ्य को अच्छी सेहत को सुरक्षा की दृष्टि से सबसे ज्यादा प्राथमिकता दे रहे हैं और सिर्फ 23.01 प्रतिशत अपने स्वामित्व की वस्तुओं की सुरक्षा को प्राथमिकता दे रहे हैं।

घर की सुरक्षा को लेकर इन आंकड़ों  में जबरदस्त फर्क आया है। वैश्विक महामारी से पहले ज्यादातर लोग (51.95 प्रतिशत) घर पर अपनी सम्पत्ति और स्वामित्व वाली वस्तुओं की सुरक्षा को सबसे महत्वपूर्ण चिंता मानते थे, जबकि 48.05 प्रतिशत ही स्वास्थ्य और अच्छी सेहत को प्राथमिकता दे रहे थे।

स्वास्थ्य के प्रति भारतीयों की बढ़ती चिंता का असर खरीदारी की उनकी प्राथमिकताओं में भी नजर आ रहा है। कोविड-19 से पहले एक चैथाई से ज्यादा (26.34 प्रतिशत) उपभोक्ता उत्पादों की एक निर्धारित सूची में से स्मार्टफोन या टेबलेट खरीदना पसंद कर रहे थे। इनके साथ ही 19.26 प्रतिशत रसोई का कोई उपकरण, 16.0 प्रतिशत ज्वैलरी और 12.83 प्रतिशत यूवी स्टरलाइजर जैसा कोई स्वास्थ्य उत्पाद खरीदना चाह रहे थे।

वैश्विक महामारी के बाद 46.35 प्रतिशत भारतीयों के लिए स्वास्थ्य से जुड़े उपकरण पहली प्राथमिकता बन गए हैं। इसके बाद 15.86 प्रतिशत स्मार्टफोन और घरेलू मनोरंजन साधन जैसे एलेक्सा या गूगल होम खरीदना चाहते हैं। अध्ययन यह भी बताता है कि 61 प्रतिशत भारतीय महिलाएं  घरेलू और स्वास्थ्य सुरक्षा सम्बन्धी पैरामीटर्स, उत्पादों के फायदे और इस्तेमाल करने के तरीकों तथा अधिकृत संस्था से इनके प्रमाणीकरण के बारे में की अपनी समझ बढ़ा चुकी हैं।

इस अध्ययन के  बारे में गोदरेज सिक्योरिटी साॅल्यूशंस के वाइस प्रेसीडेंट मेहरनोश पीथावाला ने बताया कि यह अध्ययन भारतीयो के स्वास्थ्य सुरक्षा के विचार पर वैश्विक महामारी और इसके बाद लगी पाबंदियों तथा लाॅकडाउन का के असर का आकलन करने के लिए किया गया था। उन्होंने कहा, ‘‘इस मामले में जबरदस्त बदलाव देखने को मिला है और इसका कारण वैश्विक महामारी को  माना जा सकता है। घर पर सुरक्षित और मजबूत रहने का अर्थ अब सिर्फ सम्पत्ति या स्वामित्व वाली वस्तुओं की सुरक्षा तक ही नहीं रह गया है। इसमें अब व्यक्तिगत साफ-सफाई और अच्छी सेहत भी शामिल हो गए हैं। वैश्विक महामारी ने नागरिको को सुरक्षा कवच में रहने के लिए प्रेरित किया है। इस बीमारी ने उन्हें घर और स्वास्थ्य की सुरक्षा की तैयारियों पर फोकस करने और इसका समीक्षा करने के लिए मजबूर किया है।’’

श्री मेहरनोश पीथावाला ने आगे कहा, ‘‘अध्ययन बताता है कि इन मुद्दों पर अब तक घर के मुखिया अब तक ध्यान नहीं देते थे, लेकिन अब ‘सुरक्षा की  इस कमी’ की ओर उन्होंने सकारात्मक कदम बढ़ाए हैं। सम्पत्ति के मामले में इसकी सुरक्षा के महत्व और सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए उपयुक्त उपकरण खरीदने के मामले में लोगों में जागरूकता का काफी अभाव देखा गया है। सुरक्षा के  मामले में सामान्य प्रवृत्ति यही रही है कि लोगों को सुरक्षित रखना सरकार , संस्थाओं और रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशंस की ही प्राथमिक जिम्मेदारी है। हमारा अध्ययन बताता है कि भारत में “सुरक्षा की कमी“ के मामले में बड़ा बदलाव होने जा रहा है, क्योंकि उपभोक्ता अब खुद घर और स्वास्थ्य की सुरक्षा का जिम्मा लेने लगे हैं और इनसाइड-आउट एप्रोच से काम कर रहे हैं।’’

अध्ययन यह भी बताता है कि अब आधे से कुछ ही कम (48.88 प्रतिशत) घर के लिए साफ-सफाई और सेनेटाइजिंग उपकरण खरीदने के लिए 25 हजार रुपए तक खर्च करने को  तैयार हैं।

उन्होंने आगे कहा, ‘‘भारतीय घरों की दशकों से सुरक्षा कर रहे एक विश्वसनीय ब्रांड के रूप में हमारी यह जिम्मेदारी थी कि हर भारतीय के घर और स्वास्थ्य की सुरक्षा में सहयोग देने  के लिए हम कुछ रणनीतिक कदम उठाएं। बाजार की जरूरत को समझते हुए हमने स्वास्थ्य सुरक्षा पोर्टफोलियो की ओर कदम बढ़ाए और कई उत्पादों की रेंज लाॅंच की, जिनमें यूवी केस भी शामिल है जो इंडियन काउंसिल आॅफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) द्वारा सर्टिफाइड भारत का हला उत्पाद है। यह हमारे रोजमर्रा की वस्तुओं को सेनेटाइज करता है। इसके अलावा कैश सेनेटाइजर और स्टरलाइजर, सेनेटाइजर डिस्पेंसर सहित विजी गार्ड टर्नस्टाइल और शरीर के बढ़े हुए तापमान की स्क्रीनिंग के लिए डयुअल सेंसर थर्मल कैमरा भी है। इन उत्पादों से भारतीय जनता को अपने स्वास्थ्य की सुरक्षा करते हुए नए नियमों को अपनाने में मदद मिलेगी।’’

गोदरेज सिक्योरिटी साॅल्यूशंस का अनुमान है कि घर और स्वास्थ्य सुरक्षा उत्पादाों की स्वीकार्यता और मांग की दर यही रही तो वित्तीय वर्ष 2021-22 में हैल्थ एंड होम सिक्योरिटी मार्केट 20 प्रतिशत सीएजीआर के साथ 450 करोड़ रुपए तक पहुंच जाएगा।

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