timely-identification-of-autism-is-necessary
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ऑटिज़्म की समय पर पहचान जरूरी

Editor-Ravi Mudgal 

जयपुर 08 अप्रैल 2021  –  महाराणा प्रताप कृषि एवम प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के संघटक सामुदायिक एवम व्यावहारिक विज्ञान महाविद्यालय के मानव विकास तथा पारिवारिक अध्य्यन विभाग द्वारा  विश्व स्वास्थ्य दिवस पर ऑटिज़्म जागरूकता कार्यक्रम का  आयोजन किया।  अधिष्ठाता, डॉ. मीनू श्रीवास्तव ने इस तरह के आयोजन को छात्राओं के सर्वांगीण विकास में एक महत्वपूर्ण कदम बताते हुए कहा की ऐसे बालकों के प्रति दयाभाव न दिखाएं अपितु समानुभूति पूर्ण आचरण करके उनको सामान्य बनाने में अपना योगदान दें।

आयोजिका एवं विभागाध्यक्ष डॉ. गायत्री तिवारी ने बताया की ये एक प्रकार का मनो सामाजिक विकार है जिसके लक्षणों की समय रहते पहचान करना ज़रूरी है। प्राप्त आंकड़ों के आधार पर पता चला है की वर्तमान में हर 58 में से एक बालक इस विकार से ग्रसित है। विषय क्षेत्र में पाठ्यक्रम का एक भाग होने के नाते परिवार तथा समुदाय को जागरूक करना सभी की जिम्मेदारी है ताकि आने वाला समाज सर्वांगीण रूप से स्वस्थ हो सके। स्नातकोत्तर की छात्राओं पूजा, स्नेहा एवम श्वेता ने पावर पॉइंट के माध्यम से इसके इतिहास, लक्षण, स्तर, एवं इलाज सम्बन्धी सारगर्भित जानकारी दी। लोगां की बनावट तथा रंगों के समायोजन को इस विकार की जटिलता और आशा की किरण का द्योतक बताया। इस अवसर पर विभाग की शिक्षिका मोनिषा सज्जन तथा स्नातकोतर  छात्राओं  विभा, कोमल, राजी, वेता, प्रज्ञा, स्नेहा, प्रतिमा इत्यादि सभी ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। संयोजन विभाग की डॉ. स्नेहा जैन एवम श्रीमती रेखा राठौड़ द्वारा किया गया।

डॉ. गायत्री तिवारीआयोजिका एवं विभागाध्यक्ष डॉ. गायत्री तिवारी

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