रेमंड ने समाज के वंचित वर्गों को एक मिलियन वस्त्र दान करने का संकल्प लिया

भारत, 20 जुलाई, 2021: भारत के अग्रणी कपड़े और परिधान निर्माता और खुदरा विक्रेता, रेमंड ने गूंज के साथ मिलकर ‘लुक गुड, डू गुड’ नामक अपनी सामाजिक पहल शुरू की। यह एक प्रकार का गारमेंट एक्सचेंज प्रोग्राम है जिसे ‘डिग्निटी ऑफ वर्क’ पर ध्यान केंद्रित करते हुए भारत भर के 600+ शहरों में रेमंड स्टोर्स के साथ-साथ डब्ल्यू डब्ल्यू डब्ल्यू डॉट मायरेमंड डॉट कॉम पर ऑनलाइन शुरू किया जाएगा। चल रही महामारी के कारण, उपभोक्ता अपने पुराने कपड़े लेने के लिए अपॉइंटमेंट भी बुक कर सकते हैं और रेमंड होम असिस्ट के माध्यम से टेलरिंग सर्विस अपॉइंटमेंट का लाभ उठा सकते हैं, जो उन्हें अपने घर के आराम में अपनी शर्ट और ट्राउजर सिलवाए जाने या स्टोर में अपॉइंटमेंट बुक करने में सक्षम बनाता है।

कोई भी अपने पुराने कपड़ों को दान कर सकता है और रेमंड के कपड़े या उपहार वाउचर के द्वारा  मुफ्त सिलाई सेवाओं का लाभ उठा सकता है जिसे रेमंड रेडी टू वियर के लिए ऑनलाइन या किसी भी भाग लेने वाले रेमंड स्टोर के माध्यम से रिडीम किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त जो उपभोक्ता वैयक्तिकरण चाहते हैं, वे रेमंड मेड टू मेजर स्टोर्स पर वाउचर को रिडीम कर सकते हैं।

 इस अनूठी पहल का जश्न मनाते हुए, एस. गणेशकुमार, सीईओ लाइफस्टाइल बिजनेस, रेमंड लिमिटेड ने कहा,रेमंड में, हम मानते हैं कि महामारी के बीच ये  पहल और भी महत्वपूर्ण है। इसका उद्देश्य उपभोक्ताओं को अच्छा दिखने के साथसाथ कम विशेषाधिकार प्राप्त लोगों की मदद करने के लिए प्रोत्साहित करना है।

इस पहल के माध्यम से, हमारा लक्ष्य बड़ी संख्या में ग्राहकों तक पहुंचना और उन्हें इस परिधान विनिमय कार्यक्रम में भाग लेने और अपने पुराने कपड़े दान करके योगदान देने लिए प्रोत्साहित करना  है। पिछले साल 1.5 लाख कपड़ों के आदानप्रदान और 73% की रिडेम्पशन दर के साथ, हम निश्चित हैं कि इस वर्ष भी हमें एक बड़ी सफलता दर देखने को मिलेगी।

रेमंड ने गूंज के माध्यम से एक मिलियन से अधिक वस्त्र दान करने का वादा किया है, जो  एक गैर सरकारी संगठन है जिसके द्वारा शहरी रद्दी का उपयोग गरीबी को कम करने और दुनिया के वंचित लोगों की गरिमा को बढ़ाने के लिए एक उपकरण के रूप में किया जाता है। यह सामाजिक पहल सिलाई समुदाय को बहुत आवश्यक प्रोत्साहन देगी जो कोविड की शुरुआत के कारण प्रतिकूल रूप से प्रभावित हुआ था।

About Manish Mathur