विश्व मच्छर दिवस के उपलक्ष्य में मच्छरों के कारण होने वाली बिमारियों और उनसे बचने के उपायों की चर्चा – डॉ. मुकेश संकलेचा, कंसलटेंट पेडिअट्रिशन, बॉम्बे हॉस्पिटल

घर में, घर के बाहर, हर जगह मच्छर होते हैं, और सिर्फ होते नहीं बल्कि कई बीमारियां भी फैलाते हैं। डेंगू बुखार, मलेरिया, अर्बोवायरस, एन्सेफलाइटिस, चिकनगुनिया, जीका बुखार – मच्छरों के कारण होने वाली बीमारियों की सूचि बहुत लंबी बन सकती है। मच्छरों की 3,500 से अधिक प्रजातियां हैं, जिनमें से कुछ काफी घातक होती हैं। कुछ मच्छर पक्षियों, उभयचरों, सरीसृपों जैसे जानवरों के खून पर पलते हैं, तो कुछ मच्छर इंसानों को काटते हैं। एक एनोफिलीज (एक प्रकार का मच्छर) के काटने से मलेरिया हो सकता है जबकि एडीज (एक अन्य प्रकार का मच्छर) डेंगू, चिकनगुनिया और जीका वायरस जैसी बीमारियों का कारण बन सकता है। ध्यान देने वाली बात है कि, केवल मादा मच्छर ही मनुष्यों को काटती हैं क्योंकि उन्हें अंडों के उत्पादन के लिए हमारे रक्त से प्रोटीन की आवश्यकता होती है।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के डेटा डैशबोर्ड स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना प्रणाली (एचएमआईएस) से मिली सूचना के अनुसार भारत में अप्रैल, 2020 से मार्च, 2021 के बीच मलेरिया के 3.37 लाख से अधिक और डेंगू के 1.30 लाख मामलें दर्ज़ हुए। चिकित्सा व्यय और उत्पादन और कमाई के नुकसान के कारण आने वाली सभी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष लागतों को जोड़ा जाएं तो यह स्पष्ट होता है कि मच्छर जनित बीमारियां देश पर एक बड़ा आर्थिक बोझ डालती हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुमान के अनुसार, मलेरिया और डेंगू की वार्षिक आर्थिक लागत क्रमशः 11640 करोड़ रुपये और 6000 करोड़ रुपये आंकी गई थी। हमने इन मुद्दों की गंभीरता को समझा है और अच्छी बात यह है कि हमने एक देश के रूप में 2030 तक मलेरिया मुक्त देश बनने का लक्ष्य रखा है। जबकि सरकार अपना काम कर रही है, हर घर में मच्छरों के खतरे से खुद को बचाने के उपाय अपनाएं जा सकते हैं।

बारिश के कारण कई जगहों पर पानी जमा रहता है और संक्रमण का खतरा बढ़ता है। अपना घर और उसके आसपास की जगह साफ-सुथरी, सुरक्षित हो और जहां मच्छर पैदा हो सकते हैं ऐसी एक भी जगह न बचें इसके लिए हर किसी को सावधानी बरतनी ज़रूरी है। जहां मलेरिया के मच्छर गंदे जमा पानी में पैदा होते हैं, वहीं डेंगू के मच्छर साफ पानी में प्रजनन करते हैं। इसलिए, घर में नियमित जांच की जानी चाहिए, पाइप्स, पानी की टंकियां और जहां पानी जमा होकर रह सकता है ऐसी हर जगह की जांच और सफाई की जानी चाहिए। शरीर को पूरी तरह से ढकने वाले कपड़े पहनने जैसे सरल उपाय भी संक्रमण की जोखिम को कम करने में मददगार साबित हो सकते हैं।

हमें यह ध्यान में रखना होगा कि मच्छर न कि केवल शाम को बल्कि पूरे दिन सक्रिय रहते हैं। मलेरिया फैलाने वाले मच्छर शाम से सुबह तक सक्रिय रहते हैं, जबकि डेंगू के मच्छर दिन भर काटते हैं। इसलिए, घरों के अंदर लगातार सुरक्षा के लिए मच्छर भगाने वाली दवाओं मॉस्क्वीटो रेपेलेंट्स का उपयोग किया जा सकता है। भारत के सबसे शक्तिशाली लिक्विड वेपोराइज़र – गुडनाइट गोल्ड फ्लैश जैसे उन्नत विकल्प उपलब्ध हैं। बाहर जाते समय, व्यक्तिगत रेपेलेंट्स का आसानी से इस्तेमाल किया जा सकता है क्योंकि वे रेपेलेंट  स्किन क्रीम, रोल-ऑन आदि विभिन्न विकल्पों में आते हैं और लंबे समय तक चलने वाले होते हैं। बच्चों की त्वचा अति संवेदनशील होती है इसलिए उनके लिए  बाल रोग विशेषज्ञ द्वारा प्रमाणित उत्पादों का ही उपयोग किया जाना चाहिए।  बाज़ार में कई सारे सुगंधित विकल्प भी उपलब्ध हैं।

 

एक मच्छर के काटने से भी डेंगू या मलेरिया हो सकता है। अपने आप को बचाने का सबसे आसान उपाय इन मच्छरों को तुरंत मारना है। काला हिट स्प्रे जैसे भरोसेमंद विकल्प उपलब्ध हैं जो मच्छरों को तुरंत मारते हैं।  मच्छर आसानी से दिखाई नहीं देते हैं और बिस्तर, सोफे के नीचे, पर्दे और अलमारी के पीछे छिपे रहते हैं, इसलिए इन जगहों पर स्प्रे करना चाहिए। जहां बिजली की समस्या होती है, खास कर गैर-शहरी इलाकों में, स्प्रे, मच्छरदानी और तत्काल जलने वाले कार्ड आदि का इस्तेमाल करके अपने घर को सुरक्षित बनाया जा सकता है। खिड़कियों, दरवाजों और बिस्तरों पर जाल का इस्तेमाल किया जा सकता है।

 

वर्तमान कोविड-19 महामारी ने दुनिया भर में स्वास्थ्य प्रणालियों पर अतिरिक्त बोझ डाला हुआ है। जहां स्वास्थ्य व्यवस्था पर्याप्त रूप से मज़बूत नहीं है उन भारत जैसे देशों में सार्वजनिक स्वास्थ्य पर मंडराते हुए मौजूदा खतरों साथ-साथ कोविड-19 जैसे नए खतरों को झेलना यानी दोहरी चुनौती का सामना करने के बराबर है। स्वास्थ्य के संदर्भ में देखा जाए तो, कोविड-19 और मच्छर जनित रोगों के लक्षणों में काफी समानताएं हैं, इसकी वजह से मच्छरों और नए वायरस के कारण होने वाली बीमारियों में अंतर को समझना अनिवार्य बना दिया है। बुखार, शरीर में दर्द, सिरदर्द आदि लक्षण दिखायी देने पर डॉक्टर से संपर्क करना और जांच करवाना हमेशा बेहतर होता है। कुछ मच्छर जानलेवा हो सकते हैं, इसलिए लापरवाही बिलकुल भी न करें।

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