90% उद्यमों को अपने डिजिटल-फर्स्ट लक्ष्यों को अभी तक प्राप्त करना है; साइबर सुरक्षा बनी सबसे महत्वपूर्ण

मुंबई, 30 अगस्त, 2021:  डिजिटल इकोसिस्टम  को सक्षम बनाने वाली वैश्विक स्तर की कंपनी टाटा कम्युनिकेशन्स ने आज ‘लीडिंग इन अ डिजिटल-फर्स्ट वर्ल्ड; एनेबलिंग सक्सेस विथ द राइट माइंडसेट, इकोसिस्टम एंड ट्रस्ट’ रिपोर्ट का अनावरण किया, जिसमें पाया गया है कि 90% उद्यमों ने उनके डिजिटल-फर्स्ट लक्ष्यों को अभी तक प्राप्त नहीं किया है और 49% ने स्वीकार किया कि साइबर सुरक्षा उनके व्यवसाय के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है। यह भी देखा गया है कि, 45% उद्यमों ने कनेक्टिविटी की समस्याओं के कारण संकट के दौरान अपनी उत्पादकता खो दी और 41% उद्यम महामारी के दौरान अपनी बाजार हिस्सेदारी बनाए रखने का श्रेय डिजिटल-फर्स्ट ऑपरेटिंग मॉडल में बदलाव को देते हैं। इस सर्वेक्षण में 11 देशों के 750 उद्यमों में उद्यमियों को शामिल किया गया था और उन्हें उनके डिजिटल परिपक्वता चरण के अनुसार तीन अलग-अलग श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया था।

डिजिटल ट्रेलब्लेज़र्स: केवल 10% उद्यमों के पास सबसे उन्नत डिजिटल ऑपरेटिंग मॉडल्स, कनेक्टिविटी प्लेटफ़ॉर्म और रणनीतियाँ हैं जो सुरक्षित और विश्वसनीय संचालन सुनिश्चित करती हैं। उनमें से 63% अपनी राजस्व वृद्धि का श्रेय अपनी डिजिटल-फर्स्ट रणनीति को देते हैं।

डिजिटल माइग्रेंट्स: 52% उद्यमों के व्यवसाय में सीमित डिजिटलीकरण है, लेकिन अभी भी उन्हें डिजिटल क्षमता के कई क्षेत्रों में सुधार की आवश्यकता है।

डिजिटल एस्पिरेंट्स: 38% उद्यम अपने व्यवसाय को डिजिटल करने के शुरुआती चरण में हैं और डिजिटल परिपक्वता की कमी के कारण विकास हासिल करने में असमर्थ रहे हैं।

टाटा कम्युनिकेशन्स के प्रबंध निदेशक और सीईओ श्री ए एस लक्ष्मीनारायणन ने कहा, नई विश्व व्यवस्था में उद्यमों के लिए डिजिटल-फर्स्ट ऑपरेटिंग मॉडल आवश्यक है। जैसे-जैसे अर्थव्यवस्थाएं खुल रही हैं, विकास चाहने वाले उद्यमों की प्रतिस्पर्धात्मकता और चपलता के लिए विश्वास और सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण हैं। उद्यमों का आकार और क्षेत्र कुछ भी हो, डिजिटलीकरण का स्केल उनके लिए सफलता का नया बैरोमीटर होगा।”

‘लीडिंग इन अ डिजिटल-फर्स्ट वर्ल्ड’ रिपोर्ट में उद्यमों की इन तीन क्षेत्रों में होने वाली डिजिटल परिवर्तन यात्रा में आने वाली कमियां और उन्हें दूर करने के लिए उपायों को बहुत स्पष्ट रूप से बताया गया है:

  • डिजिटल-फर्स्ट ऑपरेटिंग मॉडल के लिए प्रतिबद्ध: 44% उद्यम अपने इकोसिस्टम के लिए डिजिटल-फर्स्ट ऑपरेटिंग मॉडल देने में सफल नहीं रहे। इस समस्या को दूर करने के लिए, डिजिटल परिवर्तन के वास्तविक लाभों के लिए संगठनों को कुछ व्यावसायिक प्रक्रियाओं को ऑनलाइन शिफ्ट करने तक सीमित न रहते हुए कहीं आगे जाने की आवश्यकता है। उन्हें एक सुसंगत डिजिटल ऑपरेटिंग मॉडल की आवश्यकता है जो समय के साथ हर मुख्य चैनल, प्रक्रिया और सेवा में परिवर्तन लाएगा और अधिकतम डिजिटल अवसर प्रदान करेगा।
  • हाइपरकनेक्टेड इकोसिस्टम के साथ गुणवत्तापूर्ण यूज़र्स अनुभवों का निर्माण करें: 91% उद्यम स्वीकार करते हैं कि वे अपने ग्राहकों, कर्मचारियों और व्यावसायिक भागीदारों को उच्च गुणवत्ता वाले डिजिटल अनुभव प्रदान करने में सक्षम नहीं हैं। उन्होंने यह भी बताया है कि उनके संगठनों में विभिन्न डिजिटल रणनीतियों और प्रक्रियाओं का केवल एक पैचवर्क रखा गया है। मूल्य श्रृंखला को आगे बढ़ाने के लिए, चपलता, नियंत्रण और सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करने वाली एक डिजिटल-फर्स्ट रणनीति महत्वपूर्ण है। उद्यमों को पुरानी प्रक्रियाओं को पीछे छोड़कर, ‘हाइपरकनेक्टेड’ होना और पूरी इकोसिस्टम में सभी हितधारकों के लिए उच्च-गुणवत्ता, सुरक्षित और विवाद रहित सहयोग प्रदान करना चाहिए।
  • डिजिटल-फर्स्ट व्यवसाय के लिए सुरक्षा और विश्वास महत्वपूर्ण है: 49% उद्यम लगातार सुधार करने के लिए साइबर सुरक्षा को अपनी डिजिटल रणनीति का सबसे महत्वपूर्ण पहलू मानते हैं और 34% उद्यम एक गतिमान ऑपरेटिंग मॉडल प्रदान करने में खुद को अकार्यक्षम मानते हैं। प्रतिस्पर्धा की तुलना में तेजी से नवाचार करने और अनुकूलन करने की उनकी क्षमता में यह एक बाधा है। साइबर खतरों और नियामक मांगों को नई दुनिया में महत्वपूर्ण स्थान हासिल करना चाहिए, उद्यमों को अपनी विश्वसनीयता को जारी रखना चाहिए, व्यवसायों को सतर्क रहना चाहिए और सभी हितधारकों की सुरक्षा के लिए सक्रिय रूप से निवेश करना चाहिए।

‘लीडिंग इन ए डिजिटल-फर्स्ट वर्ल्ड’ रिपोर्ट में कहा गया है कि, डिजिटल-फर्स्ट ऑपरेटिंग मॉडल में वर्तमान बदलाव व्यवसायों के विकास और नई दुनिया पर पुनर्विचार के दौरान एक निर्णायक क्षण है। डिजिटल-फर्स्ट रणनीति सुरक्षित, कनेक्टेड और डिजिटल अनुभवों को सुनिश्चित करती है। उद्यम जितनी जल्दी संगठन डिजिटल परिवर्तन की यात्रा की गति को बढ़ाएंगे उतनी उनकी डिजिटल परिपक्वता बढ़ेगी और वे नए डिजिटल युग के लिए खुद को सशक्त बना सकेंगे।

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