न्यायाधीश डॉ. लक्ष्मण दत्त किराडू ने कहा है कि आजादी के 75 साल बाद भी आमजन तक सस्ता व सुलभ न्याय नहीं मिल सका है।

Editor- Manish Mathur

जयपुर, 20 दिसंबर 2021  । राजस्थान उच्च न्यायिक सेवा से सेवानिवृत्त जिला न्यायाधीश डॉ. लक्ष्मण दत्त किराडू ने कहा है कि आजादी के 75 साल बाद भी आमजन तक सस्ता व सुलभ न्याय नहीं मिल सका है। उन्हेंं अभी तक अपने अधिकारों का पूरा ज्ञान ही नहीं है। रिटायर्ड जजों की अब यह अधिक जिम्मेदारी है कि वो गरीबों को न्याय दिलाने में अहम भूमिका निभायें। सरकार जीवनयापन के लिए पेंशन दे रही है।

जीवनभर में जजों को मिला न्यायिक अनुभवों का आमजन को लाभ मिलना चाहिए। एक प्रतिशत से कम रिटायर्ड जजों को ही विभिन्न आयोगों में जगह मिल पाती है। नौकरी के दौरान जज सामाजिक और रचनात्मक कार्यो से दूर रहते हैं। सेवानिवृत्ति के बाद भी न्यायाधीश समाज सेवा से दूर ही रहते हैं। इसलिए समय की आवश्यकता को देखते हुए न्यायाधीशों को अब आगे आना होगा। उपरोक्त उद्बोधन डॉ. एल.डी. किराडू ने शनिवार को पिरियोडीकल प्रेस ऑफ इंडिया (PPI ) की ओर से आयोजित सम्मान समारोह में कही। कार्यक्रम में राजस्थान हाईकोर्ट से रिटायर्ड न्यायाधीश गोवर्धन बाढदार, आवासन मण्डल के पूर्व चेयरमैन अजयपाल सिंह, सचिवालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष महेश व्यास, विराट बजरंग दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष कर्नल बजरंग सिह, गोविन्द देव जी मन्दिर के महन्त ओथेश कुमार गोस्वामी, सुमेर सिंह, सुशीला शर्मा सहित अनेक गणमान्य व्यक्तियों ने शिरकत की।

मुख्य अतिथि जस्टिस गोवर्धन बाढदार ने कहा कि सभी का एक ही लक्ष्य होना चाहिए मानव कल्याण। उन्होेंने डॉ. एल.डी. किराडू की ओर से किये जा रहे कार्यो की तारीफ करते हुए कहा कि सेवानिवृति के बाद न्यायाधीशों को डॉ. किराडू की तरह ही गरीब-जरूरतमंद की मदद करनी चाहिए। आरएचबी के पूर्व चेयरमैन अजयपाल सिंह ने निर्णय लेने की क्षमता के संबंध में अपने विचार व्यक्त किए। पीपीआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेन्द्र शर्मा ने सभी आगुन्तकों का आभार जताया। इस अवसर पर पीरियोडिकल प्रेस ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय महासचिव राकेश प्रजापति, राष्ट्रीय सचिव एवं कार्यक्रम संयोजक मधुभाई रामदेव, प्रदेशाध्यक्ष सन्नी आत्रेय, 
प्रदेश महामंत्री भरत शर्मा, सचिव विजय पाण्डे, गोपाल गुप्ता, शुभम शर्मा, शक्ति सिंह,मनीष माथुर,बाबूलाल जाट, सहित पीपीआई के अनेक पदाधिकारी उपस्थित रहे। मंच संचालन राखी शुक्ला ने किया।

 

 

 

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