बुडापेस्ट में रह रहे जयपुर के अजय सोनी उक्रेन में फंसे भारतीयों के लिए बने मसीहा

एडिटर – दिनेश भारद्वाज

– अब तक 130 हिन्दुस्तानियों को उक्रेन बॉर्डर करवा चुके है पार
– 25 वालंटियर के साथ उक्रेन के हर शहर में बनाया सर्किट, फ़ोन द्वारा भारतीयों से संपर्क में

जयपुर, 6 मार्च।  लगभग तीन हफ़्तों से चल रहे यूक्रेन और रूस के युद्ध के बीच भारत के कई नागरिक बुरी स्थिति में उक्रेन के विभिन्न शहरों में फंसे हुए है। ऐसे में राजस्थान मूल के अजय सोनी जो बुडापेस्ट-हंगरी में रह रहे है, वे इस मुश्किल वक्त में भारतीयों की मदद के लिए आगे आए है। पिछले कई दिनों से अजय सोनी सभी भारतीय स्टूडेंट्स और युवाओं के लिए हर प्रकार की सुविधा का प्रबंध कर रहे है। जिसके चलते उन्होंने भारत में दो टोल फ्री नंबर जारी किए है जिसमें से एक नंबर विशेष रूप से राजस्थान के लिए जारी किया गया है। इसके जरिए छात्रों के पेरेंट्स अपने बच्चें से जुडी जानकारी अजय की टीम को दे रहे है।
लगभग 25 वालंटियर्स के साथ अजय उक्रेन से हंगरी की बॉर्डर्स तक सभी हिंदुस्तानी बच्चों को लाने की पूरी देख-रेख कर रहे है। उक्रेन के हर शहर में बनाए सर्किट के द्वारा वह वहां मौजूद बच्चों के ग्रुप्स से संपर्क साधें हुए है और छात्रों के लिए उक्रेन से हंगरी एवं अन्य निकट देशों की बॉर्डर्स तक पहुंचें का मार्ग तैयार कर रहे है। साथ ही उनकी टीम द्वारा लगातार दिन-रात बॉर्डर पर तैनात होकर छात्रों को सरकारी नियमों की जानकारी, टैक्सी बस एवं ट्रैन की व्यवस्था तथा कम समय में बॉर्डर पार करने की जानकारी दे रही है। अजय बताते है कि उक्रेन में हाल बहुत ख़राब है, उक्रेन की 15 यूनिवर्सिटीज में लगभग 16 हज़ार हिंदुस्तानी स्टूडेंट्स पढाई कर रहे थे जिनमें से 5 से 6 हज़ार स्टूडेंट्स भारत लौट आये है। हाल में मौजूदा 10 हज़ार स्टूडेंट्स बंकरों में बड़ी परेशानियों के बीच छुपे हुए है जहां उन्होंने हफ्ते भर से खाना तक नहीं खाया। इस मामले में मैं और मेरी पूरी टीम इंडियन एम्बसी ऑफिशल्स से लगातार संपर्क में है।  

इस पूरे मिशन में अजय आज अकेले ही अपने कुछ वालंटियर्स के साथ जुटे हुए है जहां कुछ हिंदुस्तानी बच्चों और युवाओं को उन्होंने अपने घर पर पनाह दी है, साथ ही भारतीय सेना की मदद से स्वदेश लौटने तक खाने, दवाइयों एवं इमोशनल सपोर्ट की हर मुमकिन मदद की जा रही है। इसी के साथ अजय की टीम ने टेंट्स, बेड्स की व्यवस्था कर ज्यादा से ज्यादा भारतीयों को आश्रित करने की कोशिश भी की। इस बीच अजय सोनी के इस निशुल्क मिशन द्वारा अभी तक लगभग 130 हिन्दुस्तानियों को भारत के अलग -अलग शहरों में उनके घरों तक पहुंचाया जा चूका है। हाल ही में सीकर पहुंचे कुछ बच्चों को भी अजय ने उक्रेन से निकलने में पूरी मदद की।
भारत में इनके टोल फ्री नंबरो पर आने वाले कॉल्स को दिल्ली निवासी गुरप्रीत सिंह जुनेजा (1800 890 4113 ) एवं जयपुर निवासी अजीत सोनी (1800 890 4311) हंगरी के ग्रुप्स में भेज कर जानकारी प्राप्त कर वापस परिवारजनों तक पहुंचाने का कार्य कर रहे है।
पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर अजय सोनी वर्ष 1995 में कोटा इंजीनियरिंग कॉलेज से इंजीनियरिंग की शिक्षा प्राप्त की थी। वे पिछले 20 सालों से बुडापेस्ट के निवासी है। अजय सोनी के पिता इंजीनियर विजय कुमार सोनी राजस्थान राज्य विद्युत मंडल से सेवा निवृत है तथा जयपुर में निवास करते है। अजय ने इस मुश्किल वक्त में लगातार हंगरी में छात्रों की सकुशल वापसी के लिए संपर्क बनाए रखे देश के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री अशोक गेहलोत की प्रसंशा की।

परिवार से दूर उक्रेन में थे वे हमारा परिवार –

इस बारे में बताते हुए उक्रेन से राजस्थान पहुचाएं गए सीकर के देवेश डिडवानिया, बाड़मेर से अशोक और जयपुर से राकेश ने बताया कि मौजूदा परिस्थितियों में उक्रेन के कुछ शहर पूरी तरह से बर्बाद ही चुके है। उन शहरों में जगह-जगह स्टूडेंट्स और विभिन्न देशों के लोग छुपे हुए है। ऐसे में अजय सोनी एक आशा की किरण की तरह हम सब के कांटेक्ट में आए और उन्होंने हमारी वहां से निकलने में हर मुमकिन कोशिश की। इस दौरान उन्होंने पासपोर्ट की डिटेल्स पर हमें वीज़ा, खाने और मेडिकल की मदद की साथ ही बॉर्डर तक के सफर में एक परिवार की तरह साथ दिया। बॉर्डर पर पहुँचने पर हम उनके घर पर ही रुके जहां कुछ आराम के बाद हम उनकी इस मुहीम में उनके साथ जुड़ गए।

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