आन्ध्र प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री ने दुनिया की सबसे बड़ी एकीकृत नवीकरणीय ऊर्जा संग्रहण परियोजना के लिए पहले कॉन्क्रीट पॉर का प्रदर्शन किया

कुरनूल, 19 मई, 2022: आन्ध्र प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री श्री वाय. एस. जगन रेड्डी ने आज दुनिया की सबसे बड़ी एकीकृत नवीकरणीय ऊर्जा संग्रहण परियोजना के ‘पहले कॉन्क्रीट पॉर समारोह’ का प्रदर्शन किया, परियोजना को आन्ध्र प्रदेश के कुरनूल ज़िले में ग्रीनको ग्रुप द्वारा अंजाम दिया जा रहा है। 5230 मेगावॉट की यह एकीकृत नवीकरणीय ऊर्जा संग्रहण परियोजना भारत में ऊर्जा सुरक्षा को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी और विश्वस्तर पर ऊर्जा संक्रमण को सक्षम बनाएगी।

यह एक ही लोकेशन पर पवन एवं सौर क्षमताओं के साथ अपनी तरह की पहली ऊर्जा संग्रहण परियोजना है। 3.0 बिलियन अमेरिकी डॉलर के निवेश के साथ संचालित इस परियोजना में पम्प्ड संग्रहण (रोज़ाना के संग्रहण का 10800 डॅी ), सौर (3000 मेगावॉट) और पवन (550 मेगावॉट) क्षमता शामिल है।

आन्ध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री वाय एस जगन मोहन रेड्डी ने कहा कि इस परियोजना के साथ इतिहास रचा जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘आन्ध्र प्रदेश की यह परियोजना आने वाले दिनों में पूरे देश की अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देगी। इससे फॉसिल फ्यूल के उपयोग को पीछे छोड़ नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा मिलेगा।

उन्होंने दुनिया की सबसे बड़ी नवीकरणीय ऊर्जा संग्रहण युनिट की स्थापना के लिए ग्रीनको ग्रुप की सराहना की। ‘‘यह परियोजना चौबीसों घण्टें स्वच्छ ऊर्जा की परिकल्पना को प्रोत्साहित करेगी।’ मुख्यमंत्री ने कहा।

‘हम हरित ऊर्जा तथा अर्थव्यवस्था के विकार्बोनीकरण के लिए विशेष अवसर उपलब्ध कराएंगे। हमारे पास राज्य में 33000 मेगावॉट क्षमता उपलब्ध है और यह परियोजना दर्शाएगी कि हरित ऊर्जा कैसे उत्पन्न की जाए।’ जगन मोहन रेड्डी ने कहा।

इस अवसर पर श्री अनिल चलमलासेट्टी, संस्थापक, सीईओ एवं एमडी, ग्रीनको ग्रुप ने कहा, ‘‘यह ग्रीनको के लिए बेहद गर्व का समय है कि हम ओद्यौगिक विकार्बोनीकरण एवं ऊर्जा संक्रमण के लिए 24/7 डिस्पैच की जा सकने वाले नवीकरणीय ऊर्जा समाधानों की विश्वस्तरीय महत्वाकांक्षा में अग्रणी हैं।’

यह राष्ट्रीय स्तर पर नीतिगत सहयोग तथा आन्ध्र प्रदेश क माननीय मृख्यमंत्री श्री जगन मोहन रेड्डी गारू के दूरदृष्टा नेतृत्व की वजह से ही संभव हो पाया है, जो आन्ध्र प्रदेश को स्थायी मैनुफैक्चरिंग हब बनाने के दृष्टिकोण के साथ कार्यरत हैं।

पीएसपी राज्य की अनुकूल परिस्थितियों को देखते हुए आन्ध्र प्रदेश ऊर्जा संग्रहण की दृष्टि से भारत की राजधानी बनने के लिए तैयार है। यह एकीकृत समाधान देश को ऊर्जा के लिए आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और भारत को विकाबोनीकृत अर्थव्यवस्था के लीडर के रूप में स्थापित करेगा।

इस परियोजना के साथ ग्रीनको केन्द्रीय युटिलिटी एवं बड़े उद्योगों के साथ संग्रहण अनुबंध करने में भी अग्रणी स्थिति पर आ गया है। परियोजना की शुरूआत 2023 की आखिरी तिमाही में होगी।

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