एफआइएफसी ने दो पूर्व जज को फैंटेसी स्पोर्ट्स रेगुलेटरी अथॉरिटी (एफएसआरए) के पैनल सदस्य के रूप में नियुक्त किया

भारत, 16 अगस्त, 2022- फैंटेसी स्पोर्ट्स इंडस्ट्री के लिए भारत की एकमात्र स्व-नियामक संस्था फेडरेशन ऑफ इंडियन फैंटेसी स्पोर्ट्स (एफआईएफएस) ने जस्टिस (सेवानिवृत्त) मुकुल मुद्गल, पूर्व मुख्य न्यायाधीश, पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट और जस्टिस (सेवानिवृत्त) जीएस सिस्तानी, पूर्व न्यायाधीश, दिल्ली हाइकोर्ट को फैंटेसी स्पोर्ट्स रेगुलेटरी अथॉरिटी (एफएसआरए) के पैनल सदस्यों के रूप में नियुक्त किया है। एफएसआरए के चैयरमैन प्रख्यात विधिवेत्ता जस्टिस (सेवानिवृत्त) ए.के. सीकरी, पूर्व न्यायाधीश, सुप्रीम कोर्ट हैं।

एफएसआरए, भारत में फैंटेसी स्पोर्ट्स उद्योग के लिए एक स्वतंत्र स्व-नियामक प्राधिकरण के रूप में एफआईएफएस द्वारा गठित स्वतंत्र विशेषज्ञों की एक समिति है। एफएसआरए को एफआईएफएस के स्व-नियामक ढांचे के नियामक पहलुओं को नियंत्रित करने का अधिकार है, जिसमें शामिल हैं-

ऽ      सदस्यों के लिए जिम्मेदार गेमिंग नीतियों सहित सर्वोत्तम प्रथाओं, मानकों, आचार संहिता को तैयार करना और स्थापित करना

ऽ      चार्टर के शून्य उल्लंघन को सुनिश्चित करने और गैर-अनुपालन के लिए उचित कार्रवाई करने के लिए कड़े ऑडिट तंत्र स्थापित करना

ऽ      भारत के फैंटेसी खेल उद्योग के विकास और उसे बनाए रखने के लिए सरकारी हितधारकों के साथ संवाद, परामर्श शुरू करना

ऽ      प्रभावी शिकायत प्रबंधन और उपभोक्ता विवाद समाधान सुनिश्चित करना

एफआईएफएस के चैयरमैन श्री बिमल जुल्का ने कहा, ‘भारतीय फैंटेसी खेल उद्योग रूपांतरण के बिंदु पर है। जस्टिस (सेवानिवृत्त) मुद्गल और जस्टिस (सेवानिवृत्त) सिस्तानी का व्यापक ज्ञान, सामूहिक अनुभव और विशेषज्ञता इस क्षेत्र का नेतृत्व करने के लिए अमूल्य साबित होगी और दीर्घकालिक विकास की सही दिशा में बढ़ेगी।’

एफएसआरए पैनल के सदस्य के रूप में अपनी नियुक्ति पर जस्टिस (सेवानिवृत्त) मुद्गल ने कहा, ‘हमारी भूमिका एक स्वतंत्र नियामक निकाय के रूप में काम करने की होगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भारत के कानूनों और हमारे संविधान का पालन किया जाता है।’

अपने विचार साझा करते हुए नवनियुक्त पैनल सदस्य जस्टिस (सेवानिवृत्त) सिस्तानी ने कहा, ‘मुझे पैनल सदस्य के रूप में एफएसआरए में शामिल होने की खुशी है। जहां तक कानूनी मोर्चे का संबंध है, फैंटेसी खेलों से संबंधित सभी मुद्दे एक सुलझा हुआ मामला है। चूंकि इसे भारत के माननीय सर्वोच्च न्यायालय सहित विभिन्न न्यायालयों द्वारा कई निर्णयों में बार-बार कौशल के खेल के रूप में मान्यता दी गई है, जिससे भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (जी) के तहत उभरते हुए सेक्टर को सुरक्षा प्रदान की जाती है, जिससे कानून के शासन के तहत व्यापार निश्चितता आती है।’

एफआइएफएस 2017 से उद्योग के नेतृत्व में स्व-नियमन कर रही है। हाल में, एफआइएफएस ने जॉय भट्टाचार्य को महानिदेशक के रूप में नियुक्त करने की भी घोषणा की। जॉय एक भारतीय प्रश्नोत्तरी, वक्ता, लेखक और खेल निर्माता हैं। वह आईपीएल फ्रेंचाइजी कोलकाता नाइट राइडर्स के पूर्व टीम निदेशक हैं। उन्होंने फीफा अंडर-17 वर्ल्ड कप के निदेशक के रूप में भी काम किया, जो भारत में आयोजित किया गया था। बाद में प्रो वॉलीबॉल लीग के सीईओ के रूप में भी उन्होंने काम किया। इसके अलावा, खेल उद्योग के दिग्गज जैसे बीसीसीआई के पूर्व मुख्य प्रशासनिक अधिकारी प्रोफेसर रत्नाकर शेट्टी और भारतीय खेल प्राधिकरण के पूर्व सचिव श्री अमृत माथुर एफआईएफएस सचिवालय के सलाहकार हैं।

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