अपना मरण सुधार लिया तो अपना जीवन सुधार लिया : अनिरुद्धाचार्य

जयपुर, 19 दिसंबर,2022: होटल हवेली परिसर में चल रही सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन सभी ने भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव उत्साह और उमंग के साथ मनाया। कृष्ण जन्म का उल्लास ऐसा छाया कि नगरवासी बधाई गाने और उछाल लूटने के लिए उमड़ पड़े। एक साथ इतने श्रद्धालु पहुंचे कि आयोजकों को परिसर के गेट भी बंद करने पड़े।
कथा व्यास अनिरुद्धाचार्य महाराज द्वारा नंद बाबा के घर पर उत्सव के माहौल का सुंदर वर्णन करने के साथ आयोजन स्थल का पूरा माहौल भी नंदोत्सव के रंग में पूरी तरह से रंग गया। नंद के आनंद भयो, जय कन्हैयालाल की के उद्घोष के साथ समूचा आयोजन परिसर गूंज उठा। भगवान कृष्ण का रुप लिए छोटे से लाला ने नंद बाबा और यशोदा मैया के साथ द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव का आनंद मानो फिर से होटल हवेली में जीवंत कर दिया।

भक्तों ने भजनों की धुनों पर मगन होकर से थिरकते हुए श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव का आनंद उजागर किया। श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव का आनंद मनाते हुए भक्तों के बीच खिलौने, टॉफीयां और बधाईयां बांटी गई। कथा प्रसंग में कथा व्यास श्री अनिरुद्धाचार्य महाराज ने कहा कि भगवान युगों-युगों से भक्तों के साथ अपने स्नेह रिश्ते को निभाने के लिए अवतार लेते आए हैं।
महाराज ने कहा कि भगवान अपने भक्तों के भाव और प्रेम से बंधे है। मत होना मन बावरे उदास, ये सांवरा ज़रूर आएगा… भजन से समझाया की भगवान से भक्तों की दुविधा कभी देखी ही नहीं जाती।
महाराजश्री ने कहा कि भगवान अपने भक्तों के साथ सदा हर पल खड़े रहते हैं। वे भक्तों के हाथों से दी प्रेम और भाव के साथ दी गई वस्तु उसी तरह ग्रहण करते हैं, जिस तरह से उन्होंने द्रौपदी का पत्र और गजेंद्र का पुष्प ग्रहण किया। कथा में श्रोताओं से आगे उन्होंने कहा कि भगवान से यही प्रार्थना होनी चाहिए की आखिरी समय में उनका ही स्मरण करते हुए प्राण निकले। आयोजक जुगल डेरेवाला ने बताया कि सोमवार को बाललीला, माखनचोरी, गोवर्धन पूजा एवं छप्पन भोग के प्रसंग की कथा होगी।

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