दिल्ली प्रीव्यू में हुई जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2023 के प्रोग्राम की प्रस्तुति

जयपुर 15 दिसम्बर। आइकोनिक जयपुर लिटरेचरफेस्टिवल का आयोजन 19-23 जनवरीको गुलाबी नगरी जयपुर केहोटल क्लार्क्स, आमेर में होने जा रहा है| विश्व साहित्य में अपना सोलहवां साल दर्ज करवाने वाले, फेस्टिवल के इस संस्करण में लेखकों, वक्ताओं, चिंतकों और मानववादियों का दबदबा रहेगा| साहित्य के इस कुम्भ में भाषाओँ की विविधता के साथ 20 भारतीय भाषाओँ और 14 अंतर्राष्ट्रीय भाषाओँ को जगह दी जाएगी|

अपने वर्ष 2023 संस्करण में, जयपुर लिटरेचरफेस्टिवल दुनिया भर के 250 से ज्यादा वक्ताओं की मेजबानी करेगा, जिनमें विभिन्न प्रतिष्ठित सम्मानों जैसे नोबेल, बुकर, इंटरनेशनल बुकर, पुलित्ज़र, साहित्य अकादमी, बैलीगिफोर्ड, पेन अमेरिका लिटरेरीअवार्ड्स, डीएससीप्राइजफॉरसाउथएशियनलिटरेचरसे सम्मानित हस्तियाँ भी शामिल होंगी| फेस्टिवल का प्रोग्राम विविध विषयों को समेटे हुए है, जैसे समय की तात्कालिकता, सक्षम महिलाएं, क्राइमफिक्शन, संस्मरण, अनुवाद, काव्य, अर्थव्यवस्था, तकनीक और आर्टिफिशियलइंटेलीजेंस, भारत के 75 साल, जिओपॉलिटिक्स, विजुअलआर्ट्स और फोटोग्राफी, स्वास्थ्य और मेडिसीन इत्यादि|

आज घोषित होने वाली लिस्ट में,नोबेल पुरस्कार विजेता लेखक अब्दुलरजाकगुरनाहसे संवाद करेंगी ब्रिटिश पब्लिशिंग लीजेंड एलेक्सेंड्रा प्रिंगल| ‘द एसेंशियलअब्दुल रजाक गुरनाह’ नामक सत्र में गुरनाह की बेमिसाल किताबों पर गहन चर्चा होगी| गुरनाह की हालिया प्रकाशित किताब आफ्टरलाइवमें ईस्टअफ्रीका में जर्मन कोलोनियलफ़ोर्सऔर उसके बाद उन नागरिकों के जीवन को उकेरा गया है| उस दुःख भरे समय में उन लोगों का काम, तकलीफ और प्यार भरे पल| सत्र में प्रिंगल और गुरनाह लेखन में जीवन की संभावनाओं की तलाश करेंगे|

मिडिलईस्ट के अतीत की कहानीबयाँ करते एक सत्र में, पत्रकार और लेखक माइकलवतिकिओतिस धर्म और अपनी पहचान के द्वंद्व में फंसे अपने परिवार के इतिहास को साझा करेंगे| वे ओटोमन साम्राज्य में जीवन और उसके मायने को समझायेंगे| एक सदी तक अस्तित्व में रहने वाले ओटोमन साम्राज्य में दरारें यूरोपीय साम्राज्य के दखल और उसके परिणामस्वरुप उत्पन्न अरब और यहूदी लोगों के बीच हुए संघर्ष से पड़ीं| इस सत्र में इतिहासकार और फेस्टिवल को-डायरेक्टर विलियमडेलरिम्पलसे संवाद में माइकल श्रोताओं को मिडिलईस्ट के अनजाने पहलुओं के बारे में बताएँगे|

बुकरप्राइज विजेता बेर्नार्दिनएवारिस्तोका संस्मरण, मेनिफेस्टो: ऑननेवरगिविंगअप, उनके जीवन का एक प्रेरक दस्तावेज है कि कैसे उन्होंने दशकों तक, मुख्यधारा के खिलाफ बगावत करके, अपने लेखन को दुनिया के सामने प्रस्तुत किया| फेस्टिवल में, एवारिस्तोपत्रकार और लेखिका, नंदिनी नायर के साथ संवाद में अपने लेखन और जीवन पर चर्चा करेंगी| एक अन्य सत्र के सञ्चालन में, नायरबुकरप्राइज विजेता लेखक शेहानकरुणातिलक के साथ संवाद में ‘सेवन मून्सऑफ़ माली अल्मेडा’ पर चर्चा करेंगी| करुणातिलकअपनी नई किताब के माध्यम से हौंसले, हास्य और व्यंग्य के साथ सामूहिक भुलावे के खतरों पर प्रकाश डालेंगे| एक अन्य सत्र में बैलीगिफोर्डप्राइज 2022 से सम्मानित, कैथरीनरुंडेलसे अकादमिक और लेखिका नंदिनी दास चर्चा करेंगी, जहाँ रुंडेल प्यार, सेक्स और मौत के कवि जॉनडॉन की जीवनी के बारे में विस्तार से बतायेंगी|

लिस्ट में आगे पुलित्ज़र विजेता इतिहासकार कैरोलिनएल्किन्स सत्र चर्चा में श्रोताओं को अपनी किताब लीगेसीऑफ़वाइलेंस: ए हिस्ट्रीऑफ़ द ब्रिटिश एम्पायर के माध्यम से दुनिया पर साम्राज्य के प्रभाव की चर्चा करेंगी| फेस्टिवल में जाने-माने कला इतिहासकार भी हिस्सा लेंगे, और ‘द स्टोरीऑफ़ आर्ट विदाउटमेन’ सत्र में कैटीहैसल से संवाद करेंगे ज़ेवियरब्रे| कैटी बतायेंगी कि कैसे उन्होंने अपनी कला के माध्यम से पितृसत्ता की जड़ों को काटा|

बिबेकदेबरॉयजाने-माने विद्वान् और अनुवादक हैं, जिन्होंने पुराणों के कई जटिल संस्करणों का अंग्रेजी में अनुवाद किया है| अपने व्यापक कामों के बावजूद भी, वे एक प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री हैं और भारत के प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार समिति का हिस्सा भी हैं| एक सत्र के दौरान देबरॉय से साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित लेखिका और फेस्टिवल की को-डायरेक्टर नमितागोखलेपुराणों की जटिल व्याख्या समझने का प्रयास करेंगी|

भारत में कृषि एक मुश्किल हालात से गुजर रही है| कई बार ये तर्क दिया जाता है कि भविष्य में ये संकट देश की अर्थव्यवस्था को गहनता से प्रभावित करेंगे| एक प्रमुख सत्र में कृषि अध्ययन से जुड़े तीन विशेषज्ञ इस संकट के वास्तविक स्वरुप और परिणामों को श्रोताओं के सम्मुख रखेंगे| विद्वान् और लेखिका मरयमअस्लानी और अकादमिकसुरिंदर एस. जोधकासे संवाद करेंगी मुकुलिकाबनर्जी|

चीन के साथ भारत के सम्बन्धों में भारी उतार-चढ़ाव देखा गया है| 1962 के युद्ध से लेकर 90 के दशक में किये गए शांति प्रयास और वर्तमान में हो रही उथल-पुथल तक कुछ भी, कभी निश्चित नहीं रहा| एक सत्र में, पत्रकार और लेखक मनोज जोशी इस हालात पर प्रकाश डालेंगे| भूतपूर्व विदेश सचिव विजय गोखले और चीन, म्यांमार, इंडोनेशिया और नेपाल में भारत के भूतपूर्व राजदूत रहे श्याम सरनके साथ संवाद में जोशीइस समस्या की गहनता से पड़ताल करेंगे| सत्र सञ्चालन करेंगी पत्रकार और विदेश नीति की विशेषज्ञ सुहासिनी हैदर|

लेखिका और वाचिक इतिहासकारआँचल मल्होत्रा की पहली किताब, रेमेनेंट्सऑफ़ ए सेपरेशन ने मानव इतिहास और विभाजन को वस्तुओं और उनसे जुडी यादों के माध्यम से समझने की कोशिश की| इस किताब को समीक्षकों और पाठकों के द्वारा बेहद सराहा गया| उनकी हालिया प्रकाशित किताब,इन द लैंग्वेजऑफ़रिमेम्ब्रिंग में उन्होंने भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश की तीन पीढ़ियों की स्मृतियों में बसी भाषा को जीवित करने की कोशिश की है| एक सत्र में मल्होत्रा से संवाद करेंगी पार्टीशनवॉइसेस की लेखिका कविता पुरी|

डिजिटलवर्ल्ड का जमाना न होगा कभी पुराना| टेक्नोलोजी-फ्रेंडली लेखक नंदन निलेकनी और तनुज भोजवानी श्रोताओं को बताएँगे कि कैसे अपने मन की शांति और तन की चुस्ती को गंवाएं बिना गैजेट्स का इस्तेमाल करना है| इनके साथ संवाद करेंगी पेंगुइनरैंडम हाउस की प्रकाशक, मेरुगोखले| एक अन्य सत्र में, गोखलेलोककल्याण कार्यों से जुड़ी लेखिका सुधा मूर्तीके साथ संवेदना और जूनून पर आधारित दुनिया के बारे में बात करेंगी| एक और अन्य सत्र में, गोखलेपुलित्ज़र पुरस्कार से सम्मानित लेखक, सिद्धार्थ मुखर्जी से उनकी हालिया प्रकाशित किताब, ‘द सोंगऑफ़ सेल’ पर चर्चा करेंगी| गोखले और मुखर्जी ‘संस्मरण, इतिहास और विज्ञान’ के माध्यम से जीवित रहने के मायने तलाशेंगे|

इस साल भाषा की विविधता का उत्सव मनाते हुए कई शानदार सत्र आयोजित किये जायेंगे| एक सत्र, रेत समाधि: टूम्बऑफ़सेंड में इंटरनेशनल बुकरप्राइज विजेता, गीतांजलि श्री और उनकी अनुवादक डेजीरॉकवेल से चर्चा करेंगे साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार विजेता तनुज सोलंकी| सत्र में तीनों भाषा की बारीकियों, अनुवाद, पुरस्कार और प्रसिद्धी पर बात करेंगे| साहित्य के महाकुम्भ का एक सत्र सुर कोकिला, लता मंगेशकरकी सुरीले सफ़र को समर्पित होगा| जाने-माने कवि और सिनेमा के विद्वान यतीन्द्र मिश्र के साथ संवाद करेंगी अनुवादक और लेखिका, अनु सिंह चौधरी| सत्र में यतीन्द्र मिश्र अपनी बहुप्रशंसित किताब लता: सुर गाथा पर चर्चा करेंगे| इस किताब का अंग्रेजी अनुवाद इरा पांडे ने किया है|

फेस्टिवल में कुछ महान उपन्यासकार भी हिस्सा लेंगे, जिनमें शामिल हैंमार्लोनजेम्स औररुथओज़ेकी; नॉन-फिक्शन लेखक हैं: एनाकेय, जोनाथनफ्रीडलैंड, रेबेकारैगसाईकस, डेविडवेनग्रो, डेविडरुबेनहेइमेर, ल्यूकहार्डिंग, एलेक्सरेंटन, एंटनीबीवर, ऑर्लैंडोफिगेस, साइमनसेबग-मोंटेफिओरे, मिखाइलजीगर, सथ्नमसंघेरा, मर्लिनशेल्ड्रेक, तानसेनसेन, विन्सेंटब्राउन, क्रिसमंजप्रा, मिरांडासेमुर, डेविडओलुसोगा, एडमंडडेवाल, कैटीहिकमन, एंथोनीसाटिन, अनीता आनंद और अन्य|

कार्यक्रम की अधिक जानकारी आप यहाँ से प्राप्त कर सकते हैं: https://jaipurliteraturefestival.org/programme

इस अवसर पर, लेखिका, प्रकाशक, और जयपुर लिटरेचरफेस्टिवल की को-डायरेक्टर नमितागोखले ने कहा,“वर्ष 2022 भारतीय और दक्षिण एशियाई साहित्य की दुनिया में पहचान के मामले में काफी महत्वपूर्ण रहा| इंटरनेशनल बुकरप्राइज से सम्मानित गीतांजलि श्री, और उनकी अंग्रेजी अनुवादक डेजीरॉकवेल हमारे साथ होंगी| साथ ही बुकर विजेता श्रीलंकाई लेखक, शेहानकरुणातिलक भी हमारा साथ देंगे| नोबेल विजेता अब्दुलरजाकगुरनाह और दूसरे बहुत से इंटरनेशनल और साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित लेखकों के हमारे साथ जुड़ने से हमें गर्व है| हमारा प्रोग्राम इस साल भी विविध विषयों का एक गुलदस्ता है, जिसमें जिओपॉलिटिक्स, इतिहास, धर्म और अध्यात्म, गद्य, पद्य, वाद-विवाद, अपराध लेखन, जासूसी उपन्यास, थ्रिलर तक सारे रंग शामिल हैं| इसे ‘जयपुर नोइर’कहा जा सकता है| जयपुर बुकमार्क भी पब्लिशिंग के नजरिये के साथ लौट आया है|”

लेखक, इतिहासकार और जयपुर लिटरेचरफेस्टिवल के को-डायरेक्टर विलियमडेलरिम्पल ने कहा,“हर साल हम जयपुर लिटरेचरफेस्टिवल को और बेहतर बनाने की कोशिश करते हैं, लेकिन मैं कह सकता हूँ वर्ष 2023 का अब तक का बेस्ट है| हमें गर्व है कि हमारे पास लगभग सारे प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित लेखक हैं, जिसमें नोबेल, बुकर, साहित्य अकादमी, बैलीगिफोर्ड, नेशनल बुक अवार्डववीमेन’सप्राइज शामिल हैं| हम दुनिया के बेस्ट उपन्यासकार व कवि, इतिहासकार और जीवनीकार, वैज्ञानिक और अर्थशास्त्री, कलाकार और कला इतिहासकार को लेकर हाज़िर हैं| ये विश्व की ऐसी शानदार यूनिवर्सिटी है, जिसके दरवाजे सभी के लिए खुले हैं| ये एक ऐसा उत्सव है, जिसे चूकना नहीं चाहिए!”

टीमवर्कआर्ट्स के मैनेजिंग डायरेक्टर और जयपुर लिटरेचरफेस्टिवल के प्रोडूसर, संजॉय के. रॉय ने कहा, “जयपुर लिटरेचरफेस्टिवल एक ऐसा मंच है जो ज्ञान के साथ-साथ हमारे समय के परस्पर विरोधी विचारों को भी अभिव्यक्त करता है| 2023 में फेस्टिवल का फोकसजलवायु संकट, जिओपोलिटिक्स, रूस-यूक्रेन विवाद, भारत-चीन सम्बन्ध, कृषि और ऊर्जा जैसे विषयों पर रहेगा| हमारे साथ फेस्टिवल का हिस्सा बनेंगे नोबेल पुरस्कार से सम्मानित उपन्यासकार अब्दुलरजाकगुरनाह; इंटरनेशनल बुकर विजेता गीतांजलि श्री; बुकरविजेता शेहानकरुणातिलक, मार्लोनजेम्स, बेर्नादीनएवारिस्तो, होवार्डजैकबसन, बुकरफाइनलिस्टनौवायलेटबुलावायो व वीमेन’सप्राइज विजेता रुथओज़ेकी| नए साल की शुरुआत में हम दुनिया की सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाओं को आपके सामने लेकर आयेंगे|”

द लीला पैलेस में आयोजित दिल्ली कर्टेनरेज़र की शाम को बारमेरबॉयज ने राजस्थानी फोक और सूफी म्यूजिक के माध्यम से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया|

लीला पैलेस के चीफ ऑपरेटिंगऑफिसर, अनुराग भटनागर ने कहा,“लीला ब्रांड भारत की सांस्कृतिक विविधता और समृद्धि को प्रस्तुत करता है| जयपुर लिटरेचरफेस्टिवल एक ऐसा इवेंट है जिसने इतने सालों में न सिर्फ देश में, बल्कि विश्व के कैलेंडर में अपनी शानदार उपस्थिति दर्ज करवाई है| हमें गर्व है कि हम लगातार दूसरे साल में इसके पार्टनर बने हैं और विचारों व जूनून के इस महाकुम्भ का हिस्सा हैं|”

साउथ एशिया का सबसे बड़ा पब्लिशिंगकॉन्क्लेव, जयपुर बुकमार्क, अपने नवें संस्करण के साथ एक बार फिर से जयपुर लिटरेचरफेस्टिवल में हाज़िर है| जयपुर बुकमार्क के मंच पर दुनियाभरके प्रकाशक, संपादक, लिटरेरीएजेंट्स, लेखक, अनुवादक और बुकसेलरदस्तक देंगे| इस साल बुकमार्क का फोकस अनुवाद के साथ-साथ बच्चों के लिए लिखी किताबों पर होगा| इस संस्करण में आयोजित सत्रों के प्रमुख विषय रहेंगे: पॉडकास्ट, कुईर लेखन, बदलते फॉर्मेट जैसे ई-बुक्स और ऑडियोबुक्स, तन, मन और आत्मा को समर्पित किताबें, बुक अवार्ड्स एवं अन्य| अनुवाद और बाल-साहित्य से जुड़े विशेषज्ञों के साथ हीपब्लिशिंगइंडस्ट्री के प्रतिष्ठित व्यक्तियों से मिलने और उनके विचार जानने का अवसर मिलेगा| इस साल जेबीएम के मंच पर डेजीरॉकवेल, अरुनावसिन्हा, मिनीकृष्णन, उर्वशीबुटालिया, चार्लीरेडमें, के. श्रीनिवास राव, कनिष्का गुप्ता, रवि डीसी, गौरव श्रीनागेश, राधिका मेनन, नीरज जैन और मृदुलाकोशी उपस्थिति देंगे|

इस साल फेस्टिवलहमारे प्रतिबद्ध साझेदारों की बदौलत संभव हो सका है| हमारे कुछ प्रमुख पार्टनर हैं बैंक ऑफ़बड़ोदा, ब्रिटिश काउंसिल, कल्चरआइलैंड, डिआगो, एकांक, एत्सी, होवार्ड यूनिवर्सिटी प्रेस, मणिपालहॉस्पिटल्स, पेंगुइनरैंडम हाउस, रेक्कित, द जेसीबीप्राइजफॉरलिटरेचर, द रॉयलनोर्विजियनएम्बेसी, यूएनवीमेन| मिन्त्रा के फाउंडर और कल्ट.फिट के सीईओ, मुकेशबंसल ने भी फेस्टिवल को खुले दिल से सपोर्ट किया है|

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