राजस्थान के निवेशक इक्विटी श्रेणी के फंड को प्राथमिकता देते हैं: टाटा एसेट मैनेजमेंट

राजस्थान | 22 सितंबर, 2023: एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एएमएफआई) के आंकड़ों के अनुसार, अगस्त 2023 में इक्विटी म्यूचुअल फंड में 20,245.26 करोड़ रुपये का शुद्ध प्रवाह दर्ज हुआ। इसी एएमएफआई आंकड़े से पता चलता है कि इक्विटी म्यूचुअल फंड की स्मॉल-कैप श्रेणी में 4,264.82 करोड़ रुपये का प्रवाह दर्ज हुआ, जबकि सेक्टोरल/थीमैटिक फंड में 4,805.81 करोड़ रुपये और मल्टी-कैप श्रेणी में 3,422.14 करोड़ रुपये का निवेश हुआ। एएमएफआई के अगस्त के आंकड़ों के अनुसार, भारत में म्यूचुअल फंड उद्योग की कुल प्रबंधनाधीन परिसंपत्ति (एयूएम) 46.63 लाख करोड़ रुपये रही, जिसमें क्लोज-एंडेड योजनाएं भी शामिल रहीं।

भारत में म्यूचुअल फंड (एमएफ) परिसंपत्तियों का आकार बढ़ते जाने के बीच, हमें एक पैटर्न दिखता है कि कुछ राज्य गैर-इक्विटी योजनाओं की तुलना में इक्विटी एमएफ योजनाओं को प्राथमिकता देना जारी है। उदाहरण के लिए, राजस्थान में निवेशकों ने गैर-इक्विटी की तुलना में इक्विटी म्यूचुअल फंड के प्रति रुझान दिखाया है। एएमएफआई के अगस्त के आंकड़ों के अनुसार, राजस्थान राज्य से लगभग 71% निवेश इक्विटी योजनाओं में निवेश हुआ, जबकि 21% ऋण (डेट) और लिक्विड योजनाओं में और 6% बैलेंस्ड (संतुलित) फंड में निवेश किया गया है। राजस्थान में निवेशकों ने म्यूचुअल फंड में लगभग 83,029.01 करोड़ रुपये का निवेश किया है।

टाटा म्यूचुअल फंड को भी राजस्थान में इसी तरह का रुझान दिखा, जहां टाटा म्यूचुअल फंड के निवेशकों ने इक्विटी म्यूचुअल फंड योजनाओं को प्राथमिकता दी है। एएमएफआई के अगस्त के आंकड़ों के अनुसार, टाटा म्यूचुअल फंड के लिए, एयूएम का लगभग 57% इक्विटी योजनाओं से, 34% ऋण और तरल (लिक्विड) योजनाओं से और 9% राजस्थान में बैलेंस्ड (संतुलित) योजनाओं से आता है।

इक्विटी श्रेणी के भीतर, निवेशकों ने टाटा इंफ्रास्ट्रक्चर फंड जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर फंड की ओर झुकाव दिखाया है, जो एक ओपन-एंडेड इक्विटी स्कीम है और इंफ्रास्ट्रक्चर (बुनियादी ढांचा) क्षेत्र में निवेश करती है।

यहां यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि टाटा इंफ्रास्ट्रक्चर फंड, बहुत उच्च जोखिम वाली श्रेणी में आता है।

टाटा एसेट मैनेजमेंट के फंड मैनेजर अभिनव शर्मा के अनुसार, “टाटा एसेट मैनेजमेंट में, हमारा ध्यान निवेश प्रक्रिया और निवेश के लिए अनुशासित दृष्टिकोण पर है। हम सेक्टोरल फंडों सहित अपनी एमएफ योजनाओं में निवेश के लिए उचित मूल्य पर वृद्धि (जीएआरपी-गार्प) दृष्टिकोण अपनाते हैं। गार्प दृष्टिकोण, हमें उच्च गुणवत्ता वाले शेयरों पर दांव लगाने में मदद करता है और साथ ही यह सुनिश्चित करता है कि अच्छी गुणवत्ता वाले शेयर उचित मूल्य पर खरीदे जाएं। हमारा मानना है कि इस समय व्यापक बाज़ारों में कई अवसर हैं, जिनमें ज़ोरदार वृद्धि के साथ-साथ री-रेटिंग भी देखी जा सकती है और हम उन्हें अपने अपने टाटा इंफ्रास्ट्रक्चर फंड में शामिल करने का प्रयास कर रहे हैं। टाटा इंफ्रास्ट्रक्चर फंड के पास पूंजीगत सामान (कैपिटल गुड्स) और इंजीनियरिंग, सीमेंट, बिजली उपयोगिताओं, लॉजिस्टिक्स और आवासीय रियल एस्टेट जैसे क्षेत्रों में पोज़ीशन है, जो पूंजीगत व्यय चक्र (कैपेक्स साइकल) में तेज़ी तथा डीकार्बनाइज़ेशन, आत्मनिर्भरता और चाइना प्लस 1 जैसे दीर्घकालिक रुझानों से लाभान्वित होंगे। हमारे विचार से, हमारा पोर्टफोलियो अच्छी तरह से संतुलित है और अच्छी गुणवत्ता वाली कंपनियों (उच्च एवं वहनीय वृद्धि की संभावना) और रीरेटिंग उम्मीदवारों (अपसाइड ट्रिगर के साथ सस्ते मूल्यांकन) का अच्छा मिश्रण है।

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