आईसीएआई ने विकसित भारत 2047 में सीए की भूमिका पर विचार-विमर्श करते हुए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (सीओई) जयपुर में की बैठक

जयपुर ,  23 मार्च 2024: इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) ने अपने गठन के 75 साल पूरे होने का जश्न मनाते हुए 21 और 22 मार्च को जयपुर में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (सीओई) में दो दिवसीय बैठक की मेजबानी की, जिसमें आईसीएआई के पूर्व प्रेसिडेंट और सेंट्रल काउंसिल सदस्यों ने ‘विकसित भारत 2047’ में चार्टर्ड अकाउंटेंट्स की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में चर्चा की, साथ ही पेशे के लिए अगले 25 वर्षों के लिए एक रोडमैप की रूपरेखा तैयार की, जब आईसीएआई अपने शताब्दी वर्ष के करीब पहुंच जाएगा।
आईसीएआई एक ‘विजन डॉक्यूमेंट 2049’ लेकर आएगा जो विद्यार्थियों और सदस्यों के विकास, नियामक और रिपोर्टिंग तंत्र को मजबूत करने, एआई जैसी नए युग की तकनीकी प्रगति को अपनाने और विकास में सीए के योगदान, देश में सस्टेनेबल इकोसिस्टम को बढ़ावा देना, अकाउंटिंग, एश्योरेंस, टैक्सेशन, फाइनेंस, टेक्नोलॉजी और बिजनेस सलाहकार सेवाओं सहित विभिन्न क्षेत्रों में अनुसंधान अध्ययनों को मजबूत करना जैसे विभिन्न पहलुओं पर गहनता से ध्यान केंद्रित करेगा। सभी का उद्देश्य देश के आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है।
इस अवसर पर आईसीएआई के प्रेसिडेंट सीए रणजीत कुमार अग्रवाल के साथ आईसीएआई के वाइस प्रेसिडेंट सीए चरणजोत सिंह नंदा ने जयपुर में मीडिया से बातचीत की और बैठक की प्रमुख बातें साझा कीं।
आईसीएआई के प्रेसिडेंट सीए रणजीत कुमार अग्रवाल ने कहा, ‘हम आईसीएआई के भविष्य को लेकर उत्साहित हैं क्योंकि हम 75 साल की उत्कृष्टता का जश्न मना रहे हैं और अपने शताब्दी वर्ष के ऐतिहासिक पडाव की प्रतीक्षा कर रहे हैं। जयपुर में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में हमारी रणनीतिक बैठक ‘विकसित भारत 2047 और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स की भूमिका’ पर केंद्रित थी, जो भारत के वित्तीय परिदृश्य को आकार देने के लिए हमारी प्रतिबद्धता को उजागर करती है। प्रौद्योगिकी, कौशल-निर्माण और टिकाऊ प्रथाओं पर मजबूत फोकस के साथ आईसीएआई निरंतर विकास और नवाचार के लिए तैयार है। हमारा आगामी विजन डॉक्यूमेंट 2049 हमारे सदस्यों को सशक्त बनाने और एक हरित, अधिक टिकाऊ वित्तीय क्षेत्र में योगदान करने के लिए अगले 25 वर्षों का मार्ग प्रशस्त करेगा। विकास के प्रति हमारी प्रतिबद्धता एक्सीलेंस सेंटरों के हमारे विस्तारित नेटवर्क में झलकती है जो सीए की अगली पीढ़ी को आवश्यक प्रौद्योगिकी और कौशल से लैस करेगी।’
उन्होंने आगे बताया कि सदस्यों, छात्रों और कर्मचारियों के फायदे के लिए तकनीकी प्रगति का लाभ उठाने पहली बार आईसीएआई ने ‘आईसीएआई में एआई’ पर एक समिति का गठन किया है, जिसका उद्देश्य पेशेवर विकास और परिचालन दक्षता के लिए एआई की क्षमता का दोहन करना है। तकनीकी प्रगति के अलावा, आईसीएआई ने देश के टिकाऊ पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने की दिशा में अपनी प्रतिबद्धता पर जोर दिया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आईसीएआई द्वारा विकसित किए जा रहे स्थिरता मानक आने वाले वर्षों में पर्यावरणीय जवाबदेही और कॉर्पोरेट अनुपालन को बढ़ावा देंगे, जो टिकाऊ व्यावसायिक प्रथाओं के प्रति आईसीएआई के समर्पण को दर्शाता है।
इसके अतिरिक्त, आईसीएआई ने पूरे भारत में अपने सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (सीओई) नेटवर्क के लिए अपनी विस्तार योजनाओं की घोषणा की। हैदराबाद और जयपुर में मौजूदा सीओई के साथ आईसीएआई का लक्ष्य अगले 3 वर्षों में पूरे भारत में 9 और अतिरिक्त सीओई स्थापित करना है। यह देश भर में लेखांकन पेशेवरों के लिए उन्नत शिक्षण, अनुसंधान और विकास के अवसरों को बढ़ावा देगा।
प्रौद्योगिकी और स्थिरता को अपनाने के प्रति संस्थान का सक्रिय दृष्टिकोण उत्कृष्टता और नवाचार के प्रति इसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है जो 2047 तक भारत के एक विकसित राष्ट्र बनने के राष्ट्रीय लक्ष्य के अनुरूप है। चर्चाओं ने इस रणनीतिक रोडमैप में वित्तीय सेवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करते हुए इसे भारत की विकास यात्रा के अभिन्न अंग के रूप में माना है।

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