Editor-Manish Mathur
जयपुर 16 मार्च 2021 – जगुआर लैंडरोवर की फ्यूचर केबिन एयर प्यूरिफिकेशन टेक्नालॉजी ने प्रयोगशाला परीक्षणों में दिखाया है कि ये वायरस और हवा में मौजूद बैक्टीरिया को 97 प्रतिशत तक रोकती है।
हीटिंग, वेंटिलेशन और एयर कंडीशनिंग (एचवीएसी) सिस्टम के प्रोटोटाइप में पैनासोनिक की नैनोई X टेक्नालॉजी का उपयोग किया जाता है ताकि नुकसानदेह बैक्टेरिया और वायरस को रोका जा सके और इससे भविष्य के जगुआर तथा लैंड रोवर मॉडल के केबिन को अनूठा ग्राहक अनुभव मुहैया कराने में मदद मिलती है। यह अनुसंधान जगुआर लैंडरोवर द्वारा भविष्य की रणनीति पारिभाषित करने के रूप में सामने आता है: जो आधुनिक लक्जरी, अनूठे ग्राहक अनुभव और सकारात्मक सामाजिक अनुभव की निरंतरता से समृद्ध एक पुनर्कल्पना है।
जगुआर लैंड रोवर ने अग्रणी माइक्रोबायोलॉजी और वायरोलॉजी प्रयोगशाला, परफेक्टस बायोमेड लिमिटेड से साझेदारी की है ताकि दुनिया भर में अग्रणी, प्रयोगशाला आधारित, सील्ड चैम्बर टेस्ट या परीक्षण किया जा सके जो इस तरह डिजाइन किया गया हो कि एक व्हेकिल वेंटीलेशन सिस्टम को 3-मिनट के चक्र में री सर्कुलेशन मोड में स्टिमुलेट कर सके। स्वतंत्र अनुसंधान से पता चला कि वायरस और बैक्टीरिया 97 प्रतिशत तक रोक दिया गया।
पैनासोनिक की अभिनव नैनोई X टेक्नालॉजी को वैश्विक अनुसंधान संगठन टेक्ससेल द्वारा नोवल कोरोनावायरस (SARS-CoV-2) पर भी जांचा गया है। यह वायरलटेस्टिंग और इम्युनोप्रोफाइलिंग में सुविज्ञ है और दुनिया भर की उन प्रयोगशालाओं में एक है जिसे नोवल कोरोना वायरस के खिलाफ जांच की अनुमति है। दो घंटे की प्रयोगशाला जांच के दौरान पाया गया कि 99.995 प्रतिशत वायरस को रोका जा सका है।
जगुआर लैंड रोवर के चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉ. स्टीव आइले ने कहा: “हमारे लिए हमारे ग्राहक की तंदुरुस्ती सबसे महत्वपूर्ण है। और अब, पहले के मुकाबले बहुत ज्यादा। हम सब टेक्नोलॉजी से संबंधित समाधानों की तलाश में हैं – हमारे प्रिय लोगों का ख्याल करने में सहायता कर सकता है। हमारे एक्सपर्ट इंजीनियर्स द्वारा विकसित और चालू, किए गए स्वतंत्र अनुसंधान उन कई तरीकों में एक है जिनपर हम काम कर रहे हैं ताकि अपने ग्राहकों को यह आश्वस्त कर सकें कि नुकसानदेह पैथोजेन न्यूनतम किए जा रहे हैं, केबिन के अंदर यात्रियों के लिए साफ माहौल मुहैया कराया जा रहा है तथा स्वामित्व के अनुभव के नए मानक स्थापित किए जा रहे हैं।”
सक्रिय वायु शुद्धिकरण मुहैया कराने के लिए नैनो X टेक्नालॉजी – अपने पूर्ववर्ती नैनोई से दस गुना ज्यादा प्रभावी है – उच्च वोल्टेज का उपयोग करता है और खरबों हाइड्रोक्सिल (ओएच) रैडिकल्स बनाता है जो नैनो साइज के पानी के अणुओं से घिरा रहता है। ये ओएच रैडिकल्स वायरस और बैक्टीरिया प्रोटीन को स्वीकार नहीं करते हैं और उनके विकास को रोकने में सहायता करते हैं। ओएच रैडिकल्स इसी तरह एलर्जेन के दुर्गन्ध खत्म करते हैं और ग्राहकों के लिए पर्यावरण साफ करते हैं।
जगुआर लैंड रोवर में अनुसंधान इंजीनियर अलेक्जेंडर ओवन ने कहा, “यह टेक्नोलॉजी प्रकृति की शक्ति को निखारने में योग्य होने का बढ़िया उदाहरण है और जगुआर के साथ लैंड रोवर को इस केबिन टेक्नालॉजी के ठीक सामने रखता है। हाइड्रोक्सिल रैडिकल्स रसायनशास्त्र में सबसे महत्वपूर्ण प्राकृतिक ऑक्सीडेंट होते हैं और सैकड़ों वर्षों से पर्यावरण को साफ करने में सहायता करते रहे हैं। प्रदूषण और दूसरी नुकसानदेह चीजों को हटाते हैं। ऐसी टेक्नालॉजी बनने और हमारे उन्नत अनुसंधान से यह भविष्य के वाहनों के केबिन में इस वैज्ञानिक परिघटना को तैनात करने की दिशा में पहला कदम है।”
इस अग्रणी अनुसंधान से जगुआर लैंडरोवर भविष्य में अगली पीढ़ी के उन्नत केबिन एयर फिल्ट्रेशन की पेशकश कर सकेंगे। जगुआर रेंज के भिन्न मॉडल और इनमें पूरी तरह इलेक्ट्रीक जगुआर आई-पेस परफॉरमेंस एसयूवी, डिस्कवरी और रेंज रोवर इवोक समेत लैंडरोवर श्रृंखला शामिल है जो इस समय नैनोई टेक्नालॉजी और पीएम2.5 फिल्ट्रेशन की पेशकश करते हैं। एक अभिनव प्री कंडीशनिंग खासियत भी उपलब्ध है ताकि ग्राहक वाहन में प्रवेश करने से पहले सिस्टम को इनैबल कर सके।
पत्रिका जगत Positive Journalism