Edit-Rashmi Sharma
जयपुर 05 अगस्त 2020 – सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (पीएफसी) ने इस वित्त वर्ष की अंतिम दो तिमाहियों में 54ईसी केपिटल गेन बॉण्ड्स से बड़े पैमाने पर धन के प्रवाह की उम्मीद जताई है। पीएफसी के एक स्रोत ने कहा कि केपिटल गेन बॉण्ड्स के माध्यम से 2019-20 में फंड में 25 प्रतिशत वृद्धि दर्ज करने की उम्मीद है।
कंपनी ने 2019-20 में केपिटल गेन बॉण्ड्स से लगभग 1,100 करोड़ रुपए जुटाए थे।
हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में अच्छी प्रतिक्रिया मिलने के बावजूद पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन कोविड-19 के प्रभाव के कारण इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में इस माध्यम से धन में वृद्धि नहीं कर सका है।
सूत्र ने कहा, ‘पीएफसी को इस वित्त वर्ष के शेष हिस्से में 54ईसी बॉण्ड से अच्छे फंड का प्रवाह मिलने की उम्मीद है और ऐसी संभावना है कि इस पूरे वित्त वर्ष में 25 फीसदी से अधिक की वृद्धि हासिल होगी।‘
आयकर अधिनियम की धारा 54ईसी के तहत, निवेशक इन बॉण्ड्स में दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ के लिहाज से 50 लाख रुपये तक निवेश कर सकते हैं।
इन 54ईसी बॉन्ड में निवेश करने के लिए किसी भी संपत्ति की बिक्री के बाद निवेशकों को छह महीने मिलते हैं, जिसे दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ बॉण्ड भी कहा जाता है।
निवेशक को 54ईसी बॉण्ड में निवेश पर दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर कर लाभ मिलता है, जो सुरक्षित भी है।
पीएफसी को जुलाई 2017 में 54ईसी बॉण्ड के लिए धन जुटाने की अनुमति मिली।
कंपनी ने 2017-18 में इन बॉण्ड्स से 290 करोड़ रुपये, 2018-19 में 490 करोड़ रुपये और उसके बाद 2019-20 में 1,100 करोड़ रुपये जुटाए और इस तरह तीन साल की छोटी अवधि में ही तीन गुना वृद्धि दर्ज की।
वर्ष 2019-20 में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन बॉण्ड का कुल बाजार आकार लगभग 12,000 करोड़ रुपये था।
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन बॉण्ड के मार्केट में चार कंपनियां हैं- पीएफसी, आरईसी, एनएचएआई और आईआरएफसी।
पत्रिका जगत Positive Journalism