बीएसडीयू ने फेसबुक लाइव के जरिए कोरोना से जुड़ी शंकाओ को दूर किया 

Edit-Rashmi Sharma
जयपुर:  20, अप्रेल 2020: कोरोना को लेकर कई तरह की भ्रांतियां और युवाओं के मन में चल रही शंकाओं को फेसबुक लाइव के जरिए इएसआइसी मेडीकल काॅलेज, फरीदाबाद की डॉक्टर गिनी गरिमा ने दूर किया। भारतीय स्किल डवलपमेंट यूनिवर्सिटी (बीएसडीयू)  की ओर से आयोजित इस फेसबुक लाइव सेशन का आयोजन किया गया। ईएसआईसी दिल्ली मेडिकल कॉलेज की प्रोफेसर डॉ गिनी ने बताया कि उनके यहां जो हॉस्पिटल है वह पूरा कोरोना डेडीकेटेड हॉस्पिटल यकीन मानिए 90ः से ज्यादा मरीज ठीक होकर घर भी जा रहे हैं। इसलिए इससे डरने या भयभीत होने की जरूरत नहीं है, लेकिन जागरूकता बेहद जरूरी है। क्योंकि संक्रमण की यह बीमारी किसी को भी हो सकती है इसलिए आयुष मंत्रालय की ओर से दिए गए गाइडलाइन दिशा निर्देशों का पालन जरूर करें।
डॉ गिनी का कहना था कि भीड़भाड़ वाले इलाकों में ना जाएं, लगातार हाथ धोएं और सैनिटाइजर का उपयोग करें। कम से कम 6 मीटर की दूरी संभव हो तो जरूर रखें।

उन्होंने कहा कि आप देख रहे होंगे कि इस तरह की खबरें भी आ रही हैं कि 90% से ज्यादा लोगों ने इस पर अपनी इम्यूनिटी और बिना घबराए विजय पा ली है। इसलिए हम सब भी कमजोर ना बने खुद को मजबूत बनाएं। लॉकडाउन के बारे में यह बिल्कुल भी ना समझे कि हमें घर में बंद कर दिया गया है, बल्कि इसे एक अवसर के तौर पर लें, जिसमें हमें हमारे परिवार के साथ क्वॉलिटी टाइम बिताने का मौका मिला है। साथ ही अपनी ग्रोथ करने का भी एक समय दिया गया है। हमारी प्रकृति भी स्वच्छ हो रही है। मेडिटेशन, योगा को अपने रुटीन का हिस्सा बनाएं। अपनी हॉबीज अपनी क्रिएटिविटी को इंप्रूव करने की कोशिश करें।

डाॅ. सुरजीत सिंह पाबला ने कहा कि देश और दुनिया अभी कोरोना जेसी बिमारी से लड रहा है इसलिए इससे डरने या भयभीत होने की जरूरत नहीं है, लेकिन जागरूकता बेहद जरूरी है और बीएसडीयू सर्तक है।
अचिन्त्य चैधरी, कुलपति, बीएसडीयू आगे कहते हैं, ष्रोकथाम कोरोनावायरस के प्रसार को सीमित करने में महत्वपूर्ण है, कोई और हमें नहीं बचाएगा, लेकिन हम खुद को। हमें स्वयं अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सावधानी से चलना चाहिए।

भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी (बीएसडीयू) के बारे मेंः
2016 में स्थापित भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी (बीएसडीयू) भारत का पहला अनूठा कौशल विकास विश्वविद्यालय है, जिसे भारतीय युवाओं की प्रतिभाओं के विकास के लिए अवसर, स्थान और गुंजाइश बनाकर कौशल विकास के क्षेत्र में वैश्विक उत्कृष्टता पैदा करने की दृष्टि से उन्हें वैश्विक स्तर पर फिट बनाने के लिए कायम किया गया था। डॉ. राजेंद्र के जोशी और उनकी पत्नी श्रीमती उर्सुला जोशी के नेतृत्व और विचार प्रक्रिया के तहत नौकरी प्रशिक्षण और शिक्षा के लिए बीएसडीयू ने ‘स्विस-ड्यूल-सिस्टम’ स्विट्जरलैंड की तर्ज पर इसे स्थापित किया है। बीएसडीयू राजेंद्र उर्सुला जोशी चैरिटेबल ट्रस्ट के तहत एक शिक्षा उपक्रम है और राजेंद्र और उर्सुला जोशी (आरयूजे) समूह ने इस विश्वविद्यालय को 2020 तक 36 कौशल स्कूलों को स्थापित करने के लिए 500 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है।
विचार, कौशल विकास की स्विस प्रणाली को भारत में लाने का था, इस तरह भारत में आधुनिक कौशल विकास के जनक डॉ. राजेंद्र जोशी और उनकी पत्नी श्रीमती उर्सुला जोशी ने 2006 में स्विट्जरलैंड के विलेन में ’राजेंद्र एंड उर्सुला जोशी फाउंडेशन’ का गठन करते हुए इस दिशा में काम करना शुरू कर दिया। बीएसडीयू का उद्देश्य उच्च गुणवत्ता वाली कौशल शिक्षा को बढ़ावा देना और सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, एडवांस डिप्लोमा और स्नातक, स्नातकोत्तर, डॉक्टरेट और विभिन्न कौशल के क्षेत्र में अनुसंधान के लिए पोस्ट-डॉक्टरेट की डिग्री देते देते हुए ज्ञान की उन्नति और प्रसार करना है।A

About y2ks