निजी स्कूल संचालकों का धरना व आमरण अनशन

Edit-Dinesh Bhardwaj
जयपुर 11 नवंबर 2020  – फोरम ऑफ प्राइवेट स्कूल्स ऑफ राजस्थान के तत्वाधान में जयपुर के शहीद स्मारक पर मंगलवार दोपहर 1:00 बजे से धरना शुरू किया साथ ही फोरम की प्रवक्ता हेमलता शर्मा सरकार की बेरुखी के चलते आमरण अनशन पर बैठ गई। गौरतलब है कि राजस्थान के समस्त निजी स्कूलों एवं संस्थानों ने फोरम ऑफ प्राइवेट स्कूल्स के बैनर तले 5 नवंबर से अनिश्चितकालीन बंद की घोषणा के चलते स्कूलों में ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन बंद कर दिया है जिसका समर्थन पंजाब,हरियाणा,जम्मू और दिल्ली की सरकार द्वारा किया गया है, पर  राजस्थान सरकार द्वारा अभी तक इस विषय में स्कूल संचालकों को किसी भी प्रकार की सहायता देने की कोई घोषणा नहीं की गई है। फोरम की प्रवक्ता हेमलता शर्मा के अनुसार जब तक सरकार इस मुद्दे पर कोई सौहार्दपूर्ण समाधान स्वीकार नहीं करेगी तब तक हमारा धरना व आमरण अनशन जारी रहेगा।
शिक्षकों के इस धरने में फोरम के ऋषभ गोधिका, अभिमन्यु शर्मा, सीमा शर्मा, मृदुल सिसोदिया, हेमलता शर्मा, दीपक अग्रवाल एवं अन्य सदस्य मौजूद रहे। फोरम के प्रतिनिधि मंडल द्वारा महामहिम राज्यपाल जी को बुधवार को ज्ञापन दिया जाएगा जिनमें मुख्य रूप से बताया जाएगा कि किस प्रकार सरकार की दोहरी नीतियों के कारण  राजस्थान की 50,000 निजी स्कूल सेवन में कार्यरत 1100000 कर्मचारी सड़कों पर आ गए हैं   एक दर्जन से ज्यादा निजी स्कूल संचालकों  ने आत्महत्या कर ली है परंतु सरकार इस पर कोई संज्ञान नहीं ले रही है जिस से आहत होकर राजस्थान के 50,000 स्कूलों में कार्यरत 1100000 कर्मचारियों ने हड़ताल से स्कूलों को पूर्ण रुप से बंद करने का फैसला मजबूरी वश लिया आज शिक्षक व कर्मचारी काली दिवाली मनाने को मजबूर हो गए हैं ।ऊपर से राजस्थान के शिक्षा मंत्री जी का बयान जिसमें उन्होंने शिक्षा व शिक्षकों को” धंधा” करना बताया है जो कि हमारे लिए बेहद अपमानजनक है।
पूरा शिक्षा जगत इस बयान से बहुत आहत है। इसलिए तमाम शिक्षा जगत में इस बात का भयंकर रोष है ,जिसके चलते इस आंदोलन में राजस्थान के साथ ही भारत के अन्य राज्य भी समर्थन कर रहे हैं ।यह आंदोलन अब राष्ट्रव्यापी आंदोलन का रूप लेता जा रहा है अतः विषय की गंभीरता को मध्य नजर रखते हुए आप इस मामले में मध्यस्थता करें ताकि सरकार द्वारा फैलाई जा रही अराजकता को रोका जा सके।  राज्यपाल जी से निजी शिक्षकों और निजी संस्थाओं की वाजिब मांगों पर त्वरित कार्यवाही करने का निवेदन भी किया जाएगा।

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