यूएन विमेन ने केरल को लाइटहाउस कहा, राज्य के जेंडर पार्क के साथ समझौता किया

Editor-Ravi Mudgal

जयपुर 23 दिसंबर 2020: केरल को महिला शक्तिकरण का वैश्विक प्रकाशस्तंभ कहते हुए यूएन विमेन (UN Women) ने आज एक समझौता किया जिसके अनुसार राज्य सरकार के द जेंडर पार्क (The Gender Park) को लैंगिक समानता के लिए दक्षिण एशिया के केंद्र के रूप में मान्यता दी जाएगी।

इस वैश्विक संस्था ने केरल को लैंगिक समानता से जुड़े पहलुओ में असाधारण काम करने पर, पूरे विश्व के लिए रोल मॉडल कहा है। मुख्यमंत्री श्री पिनारई विजयन ने इस साझेदारी को “सभी के लिए एक समान समाज” के निर्माण में “सही दिशा में उठाया गया कदम” बताया।

द जेंडर पार्क (The Gender Park), जो राज्य सरकार के अधीन काम करने वाली एक स्वायत्त निकाय है, के सीईओ डॉ. पी. टी. एम. सुनिश ने यूएन विमेन की डिप्टी कंट्री रिप्रेजेन्टेटिव (राष्ट्रीय उप प्रतिनिधि) सुश्री निष्ठा सत्यम के साथ मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास क्लिफ हाउस में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया। दोनों अधिकारियों ने समझौता पत्र का आदान–प्रदान किया, जिसमें कई महत्वाकांक्षी परियोजनाओं की शुरुआत की बात की गई है जिसमें यूएन विमेन दक्षिण एशिया में महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए द जेंडर पार्क (The Gender Park) के विकास एवं क्षमता निर्माण हेतु परियोजनाओं का कार्यान्वयन करेगी।

श्री विजयन ने कहा कि “इसमें कोई दो राय नहीं है कि क्षेत्र में लैंगिक संवाद के केंद्र के रूप में उभरने के लिए केरल सबसे अच्छे विकल्पों में से एक है।” यह देखते हुए की राज्य की महिलाएं देश की सबसे शिक्षित महिलाओं में से एक हैं, उन्होंने हाल में किए गए एक आधिकारिक सर्वेक्षण का उद्धरण देते हुए बताया कि 2017-18 में जहां महिला श्रम बल की भागीदारी 16.4 फीसदी थी वहीं 2018-19 में इसमें इजाफा हुआ और यह 20.4 प्रतिशत हो गयी।

मुख्यमंत्री ने समुदायों के सशक्तीकरण हेतु सामाजिक उद्यमों और व्यवसायों में लैंगिक– समरूपता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि “साल 2030 तक सतत विकास लक्ष्यों (सस्टेनेबल  डेवलपमेंट गोल्स) को प्राप्त करना हमारे लिए महत्वपूर्ण है।” उन्होंने यह भी कहा कि सरकार यूएन विमेन के साथ सहयोग और केरल के समाज में योगदान करने को तत्पर है।

लैंगिक समानता के लिए राज्य द्वार किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए यूएन विमेन ने मुख्यमंत्री को एक स्मृति चिन्ह भेंट किया।  

इससे पहले, स्वास्थ्य, सामाजिक न्याय और महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमति के के शैलजा ने कहा कि द जेंडर पार्क (The Gender Park) समाज में लैंगिक अंतर को कम करने के लिए लिंग संबंधी नीतियों, अनुसंधान, शिक्षा और सामाजिक पहल प्रदान करता है। द जेंडर पार्क (The Gender Park) की प्रमुख परियोजनाएं महिला उद्यमियों को “असीमित अवसर” प्रदान करें और उनका हौसला बढ़ाएं। सुश्री सत्यम के साथ पिछले वर्ष अक्टूबर में सरकार की हुई बैठक को याद करते हुए मंत्री ने कहा कि वे इस सहयोग को औपचारिक रूप देने पर बहुत खुश हैं।

श्रीमति शैलजा ने लैंगिक समानता और ट्रांसजेंडर समुदाय के सशक्तिकरण के उद्देश्य से सरकार द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रमों की सूची प्रस्तुत की और बताया कि हजारों महिलाएं राज्य की कोविड–19 योद्धाओं की सेना में काम कर रही थीं। उन्होंने iWTC, जो महिलाओं के लिए विश्व का पहला वैश्विक व्यापार केंद्र बनने वाला है, के अलावा  द जेंडर पार्क (The Gender Park) की कुछ प्रमुख परियोजनाएं– जो राज्य में लैंगिक–समानता से जुड़ी सभी गतिविधियों के लिए संपर्क बिन्दु का काम कर रही हैं– जेंडर पुस्तकालय (जेंडर लाइब्रेरी) और संग्रहालय, के बारे में भी बात की। ये सभी कोझीकोड कैंपस में हैं।

सुश्री सत्यम, ने अपने मुख्य भाषण में महिलाओं के सहयोग हेतु उठाए गए कदमों जैसे केरल की 24/7 शी टैक्सी (She Taxi), महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए थ्री–टीयर कम्युनिटी नेटवर्क, ट्रांसजेंडर के लिए नौकरियां और कोरोना महामारी के प्रसार के बीच तनाव प्रबंधन की खुल कर सराहना की। महिलाओं के विकास के लिए बहुत कुछ कहा जाता है लेकिन इनसे जुड़े पहलों “में निवेश की कमी” बनी हुई है, महिला सशक्तिकरण सामाजिक– सांस्कृतिक विकास की कुंजी है।

सुश्री सत्यम ने कहा कि “सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पिंक व्हील पट्रोल्स की शुरुआत, 2017 में महिला पुलिस कर्मियों का प्रशिक्षण और सशस्त्र महिला पुलिस बटालियन केरल में लैंगिक समानता के उपायों के कुछ उदाहरण हैं। लैंगिक समानता को प्राथमिकता देने के लिए मैं केरल सरकार को बधाई देती हूँ।

श्री बीजू प्रभाकर आईएएस, सचिव, सामाजिक न्याय और महिला एवं बाल विकास, ने कहा कि द जेंडर पार्क (The Gender Park) की यूएन विमेन के साथ यह साझेदारी तेज़ी से काम करने को पूरी तरह से तैयार है और 2013 में तिरुवनंतपुरम में स्थापित द जेंडर पार्क (The Gender Park) मुख्यालय की गतिविधियों में विस्तार किया है।

इन्होंने लैंगिक समानता पर परियोजनाओं और कार्यक्रमों का संक्षिप्त विवरण दिया। साझेदारी के एजेंडे में 24-एकड़ में फैले कोझीकोड कैंपस में एक जेंडर डाटा सेंटर बनाना शामिल है। इसमें एक इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर जेंडर एंड डेवलपमेंट (International Institute for Gender and Development) भी होगा।

यूएन विमेन की स्थापना 2010 में हुई थी। यह लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए सभी स्तरों पर काम करती है। इसके दिल्ली चैप्टर में भारत, श्रीलंका, भूटान और मालदीव हैं। यह संगठन महिलाओं के सशक्तिकरण के उद्देश्य के साथ बजट और राष्ट्रीय नियोजन की वकालत करता है। यूएन विमेन का बहु–राष्ट्रीय कार्यालय दिल्ली में है और यह कार्यालय लिंग–संबंधी गतिविधियों के लिए जेंडर पार्क को दक्षिण एशियाई केंद्र के रूप में उभरने के लिए सहयोग प्रदान करेगा।

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