अशोक लेलैंड ने अपने कार्बन फुटप्रिंट को 60 प्रतिशत तक कम करने के लिए उठाए व्यापक कदम

Editor-Ravi Mudgal

जयपुर 17 फरवरी 2021 – हिंदुजा समूह की प्रमुख कंपनी और भारत की अग्रणी वाणिज्यिक वाहन निर्माता कंपनी अशोक लेलैंड ने आज घोषणा की कि इसने देशभर में फैले अपने कामकाज के दौरान इस्तेमाल होने वाली स्वच्छ ऊर्जा के स्रोत को 60 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है। अब तमिलनाडु में कंपनी की ऊर्जा खपत का 75 प्रतिशत और पूरे भारत में 60 प्रतिशत हिस्सा सोलर रूफटॉप, सोलर ग्राउंड माउंट और पवन-आधारित नवीकरणीय ऊर्जा के माध्यम से खरीदा जाता है।

हिंदुजा समूह की एक इकाई हिंदुजा रिन्यूएबल्स ने भारत में टिकाऊ और स्वच्छ ऊर्जा संयंत्रों के निर्माण पर अपना ध्यान केंद्रित किया है और इसने अशोक लेलैंड के लिए तमिलनाडु में शिवगंगई जिले में स्थित 75 मेगावाट की क्षमता वाले एक सौर संयंत्र का निर्माण किया है। यह संयंत्र भारत में एकल क्लाइंट की सेवा करने वाले सबसे बड़े समूह के कैप्टिव सौर संयंत्रों में से एक है। संयंत्र से सालाना 120 मिलियन यूनिट से अधिक बिजली उत्पादन की उम्मीद है।

इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के बारे में टिप्पणी करते हुए श्री शोम हिंदुजा, प्रेसीडेंट, आल्टरनेटिव एनर्जी एंड सस्टेनबिलिटी इनिशिएटिव, हिंदुजा ग्रुप ने कहा, ‘‘हिंदुजा समूह में सस्टेनबिलिटी हमारे लिए सर्वोपरि है। हिंदुजा रिन्यूएबल्स को सस्टेनबिलिटी संबंधी लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए राष्ट्रों और कंपनियों के बीच सेतु बनाने के लिए स्थापित किया गया था। इसका मिशन मानवता को सकारात्मक रूप से प्रभावित करना और स्थायी ऊर्जा और गतिशीलता समाधान के माध्यम से पर्यावरण का संरक्षण करना है। यह परियोजना अशोक लेलैंड को अपने कार्बन फुटप्रिंट को कम करने में सक्षम बनाएगी, जिससे इसे अपने सस्टेनबिलिटी संबंधी लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिलेगी। हिंदुजा समूह विश्व स्तर पर अपने कार्यों का मूल्यांकन कर रहा है और विभिन्न कंपनियों में ईएसजी पहलों की योजना बनाई गई है।’’

अशोक लेलैंड के एमडी और सीईओ श्री विपिन सोंधी ने कहा, ‘‘हम दुनिया की टाॅप टेन वाणिज्यिक वाहन निर्माता कंपनियों में शामिल होने के अपने विजन के साथ आगे बढ़ रहे हैं और हमारे लिए इसके साथ-साथ सस्टेनबिलिटी भी बराबर महत्वपूर्ण है। हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हमारी ऊर्जा संबंधी जरूरतें नवीकरणीय ऊर्जा के माध्यम से पूरी होती रहें और यह लक्ष्य हमारे विजन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। वेपांकोलम सोलर प्लांट के संचालन की शुरुआत के साथ, हमने अपने कार्बन फुटप्रिंट को कम करने की दिशा में एक बड़ी छलांग लगाई है। हमारी ऊर्जा संबंधी कुल जरूरत में से हम अक्षय ऊर्जा की खपत में से तमिलनाडु में 75 प्रतिशत और पूरे भारत में 60 प्रतिशत हिस्सा प्राप्त करेंगे। इस कैप्टिव सौर ऊर्जा प्लांट से ऊर्जा प्राप्त करने से 85000 टन कार्बन उत्सर्जन कम होगा जो सालाना 157487 पेड़ लगाने के बराबर है। हम सस्टेनबिलिटी के इस रास्ते के लिए प्रतिबद्ध हैं और एक हरित भविष्य की दिशा में काम करेंगे।’’

इस सौर संयंत्र की यात्रा मई 2020 में शुरू हुई थी। अपनी सहायक कंपनी प्राथम सोलर कनेक्ट एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड द्वारा स्थापित इस प्लांट का सफर तमिलनाडु में शिवगंगई जिले में वेपांकोलम गांव में साइट चयन के साथ शुरू हुआ, इसके बाद व्यापक साइट तैयारी की गई। पीक एनर्जी प्रोडक्शन के लिए सौर पैनल एक निश्चित झुकाव के अनुसार लगाए जाते हैं। वास्तविक समय की जानकारी और प्रगति के लिए ड्रोन का उपयोग किया गया था। संयंत्र को नौ महीने में चालू किया गया था और सालाना 120 मिलियन यूनिट से अधिक बिजली उत्पादन की उम्मीद है। नवीनतम सॉफ्टवेयर और एप्लिकेशंस वास्तविक समय की निगरानी और अनुकूलन के लिए स्थापित किए जाते हैं। कंपनी ने डेटा एनालिटिक्स का उपयोग करके स्मार्ट मेंटिनेंस को लागू किया है। संयंत्र के संपूर्ण जीवनचक्र के दौरान प्रिवेंटिव और प्रीडिक्टिव मेंटिनेंस सिस्टम अपनी श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ युटिलाइजेशन फैक्टर को सुनिश्चित करेगा। इस परियोजना ने विकास के चरण के दौरान 500 प्रत्यक्ष रोजगार और संयंत्र संचालन के लिए 20 से अधिक स्थायी रोजगार अवसरों का निर्माण किया।

पिछले कुछ महीनों में, अशोक लेलैंड ने लगातार कई सफल पहलों के साथ सस्टेनबिलिटी पर ध्यान केंद्रित किया है। चेन्नई, भारत में स्थित कंपनी के मुख्यालय को लीडरशिप इन एनर्जी एंड एनवायर्नमेंटल डिजाइन (एलईईडी) प्लेटिनम बिल्डिंग सर्टिफिकेट से सम्मानित किया गया है। आज अशोक लेलैंड के सभी संयंत्रों में पानी की खपत को कम करने और सभी अपशिष्टों को रीसायकल करने तथा लैंडफिल में जाने से बचाने के लिए रेनवाॅटर हार्वेस्टिंग सिस्टम काम कर रहे हैं। इस तरह अशोक लेलैंड नेट वाॅटर पाॅजिटिव कंपनी बन गई है।

अशोक लेलैंड की पानी की सकारात्मक पहल के अनुरूप, सौर मॉड्यूल की नियमित सफाई के लिए, सौर संयंत्रों में रोबोट सफाई तकनीक का उपयोग किया जाता है। इस नवीन कार्यप्रणाली से प्रतिवर्ष 9 मिलियन लीटर पानी के संरक्षण का अनुमान है। इसके अतिरिक्त, हिंदुजा फाउंडेशन के साथ साझेदारी में, हिंदुजा रिन्यूएबल्स संयंत्र के आसपास के समुदायों के उत्थान के लिए सामाजिक-आर्थिक उपायों को भी लागू कर रहा है।

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