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यूपीएल ने अन्न की बर्बादी कम करने और किसानों का मुनाफा बढ़ाने हेतु टेलीसेंस® के साथ महत्‍वपूर्ण करार किया

Editor-Manish Mathur 

जयपुर 04 फरवरी 2021 – यूपीएल लिमिटेड, ने फसल कटाई के बाद अनाज के भंडारण एवं परिवहन में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाली, कैलिफोर्नियाई आईओटी (इंटरनेट ऑफ थिंग्‍स) अन्‍वेषक, टेलीसेंस® के साथ आज एक महत्‍वपूर्ण करार किया। यूपीएल, कृषि-मूल्‍य श्रृंखला के अनेकानेक हिस्‍साधारकों को फसल-कटाई के बाद कमोडिटी के भंडारण एवं परिवहन हेतु निगरानी समाधान लाकर टेलीसेंस को इसके सेल्‍स चैनल को मजबूत बनाने में मदद देगा।

यूपीएल के मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी, जय श्रॉफ ने कहा, ”हमारे ओपनएजी पर्पस के जरिए, हम किसानों की सहन क्षमता बढा़ते हुए अन्‍न की बर्बादी कम करने में सहायता करने हेतु नये-नये पार्टनर्स के साथ सहयोग करते हैं। अनाज की बर्बादी के चलते साल भर में वैश्विक खाद्यान्‍न उत्‍पादन का लगभग एक-तिहाई हिस्‍सा नष्‍ट हो जाता है; ऐसे में, हमारी इंडस्‍ट्री की इस गंभीर समस्‍या को नजरंदाज नहीं किया जा सकता है। टेलीसेंस के साथ हमारे करार के जरिए अधिक क्षमतापूर्ण, आंकड़ा-आधारित सप्‍लाई चेन का निर्माण कर सकेंगे जिससे नये तरीके से अनाज का भंडारण, प्रबंधन एवं परिवहन किया जा सकेगा जिससे अनाज की बर्बादी कम होगी, खाद्यान्‍न की गुणवत्‍ता बढ़ेगी और यह अधिक समय तक टिके रह सकेगा।”

टेलीसेंस, भंडारित अनाज के तापमान, आर्द्रता और कार्बन डाइ-ऑक्साइड (CO2) लेवल्‍स को नियंत्रित करने हेतु आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) पर स्‍केलेबल सेंसर टेक्‍नोलॉजी का उपयोग करता है। यह भंडारित अनाज की वर्तमान एवं भावी स्थिति को नियंत्रित करने हेतु फिक्‍स्‍ड एवं पोर्टेबल सेंसर्स का उपयोग करता है और संभावित समस्‍याओं जैसे कि हॉटस्‍पॉट्स, अत्‍यधिक नमी, या कीटों की पहचान करके उन्‍हें दूर करता है। मशीन लर्निंग अल्‍गोरिथ्‍म्‍स, उपयोगकर्ताओं को सतर्कता हेतु संकेत प्रदान करता है ताकि वो अनाज की गुणवत्‍ता को प्रभावी तरीके से प्रबंधित कर सकें व उसका पूर्वानुमान कर सकें, सुरक्षा सुनिश्चित कर सकें, परिचालन क्षमता बेहतर कर सकें, और मुनाफा बढ़ा सकें। यूपीएल की पोर्टफोलियो में टेलीसेंस टेक्‍नोलॉजी को शामिल किये जाने से गैस मॉनिटरिंग, सुरक्षा एवं पहचान उपकरणों व फ्यूमिगेंट्स की इसकी मजबूत रेंज परिपूर्ण हो जाती है।

टेलीसेंस के सह-संस्‍थापक और मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी, नईम ज़ाफर ने बताया, ”यूपीएल के साथ हमारी साझेदारी अन्‍न की बर्बादी कम करने, खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने, आपूर्ति श्रृंखला टिकाऊपन प्रदान करने और उत्‍पादकों की लाभदेयता बढ़ाने के अपूर्व संकल्‍प को दर्शाता है। खाद्य आपूर्ति श्रृंखला लगातार विकसित हो रही है और अधिक जटिल बनती जा रही है। ऐसे में इस तरह के क्रांतिकारी नवाचार जरूरी है जिससे बदलाव के अनुरूप समाधान प्रदान किये जा सकें, और टेलीसेंस, फसल-कटाई बाद के अन्‍न प्रबंधन हेतु अग्रणी समाधान प्रदान करने में विशिष्‍ट रूप से सक्षम है।”

टेलीसेंस की नवोन्‍मेषी तकनीक के साथ यूपीएल की वैश्विक मौजूदगी की संयुक्‍त क्षमता से विकसित और विकासशील दोनों ही देशों की आवश्‍यकताएं पूरी करने हेतु नये समाधान उपलब्‍ध कराये जायेंगे। यह साझेदारी, संयुक्‍त राष्‍ट्र के टिकाऊ विकास लक्ष्‍यों (एसडीजी) को समर्थन देने और अनाज के एक-एक दाने का अधिक टिकाऊ बनाने के यूएन के मिशन को पूरा करने के अनुरूप है।

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