यूटीआई मिड कैप फंड: मार्केट के संभावित स्वीट स्पॉट से लाभ

भारत, 19 जुलाई, 2021: जैविक जीवन चक्र की तरह ही, कंपनियां भी विकास और संतृप्ति की अवधि से गुजरती हैं. मिड कैप कंपनियां एक टिपिकल बिजनेस जीवन चक्र में एक खास अवधि को कैप्चर करती हैं, जिसमें कंपनियां सफलतापूर्वक छोटी कंपनी से आगे बढने का रास्ता तय करती है. जैसे शुरुआती पूंजी जुटाना, शुरुआती विकास चुनौतियों का प्रबंधन करना आदि. हालांकि, इन कंपनियों की विकास गति बने रहने की संभावना रहती है, फिर भी  कुछ महत्वपूर्ण खाई को पाटने के लिए उन्हें काम करना होता है. हालांकि, ये खाई इतने बड़े नहीं होते हैं कि तेजी से बढ़ने की उनकी क्षमता असंगत हो जाए. इसलिए, मिड-कैप कंपनियां तेजी से बढ़ते छोटे व्यवसायों और अच्छी तरह से स्थापित बड़ी कंपनियों के बीच लागत और लाभ का एक शानदार संतुलन प्रदान करती हैं.

मिडकैप शेयर लार्ज कैप और स्मॉल कैप शेयरों के बीच की शेयर्स होती है और आमतौर पर कंपनियों के बाजार पूंजीकरण के आधार पर निर्धारित की जाती है. जैसा कि सेबी द्वारा परिभाषित किया गया है, पूर्ण बाज़ार पूंजीकरण के द्वारा 101 से 250 तक की कंपनी मिड कैप स्टॉक है. मिडकैप फंड मुख्य रूप से मिड कैप शेयरों में निवेश करता है, जिसमें फंड के कॉर्पस का न्यूनतम 65% मिड कैप कंपनी के इक्विटी में निवेश किया जाता है.

मिडकैप कंपनियों में निवेश करने वाले फंड निवेशक को पोर्टफोलियो विविधीकरण में मदद करती है और साथ ही व्यापक बाजार पूंजीकरण को कवर करने का अवसर प्रदान करते हैं. ये उन्हें मध्यम आकार के व्यवसायों की वृद्धि में भाग लेने का अवसर देता है. हालांकि, निवेशकों को जोखिम और प्रतिफल दोनों के रूप में अपने निहित जोखिमों का संज्ञान लेना चाहिए. मिडकैप फंड्स की क्षमता डायवर्सिफाइड ग्रोथ फंड्स की तुलना में अपेक्षाकृत अधिक है.

यूटीआई मिड कैप फंड मुख्य रूप से मिड कैप कंपनियों में निवेश करने वाली एक ओपन एंडेड इक्विटी स्कीम है. फंड की रणनीति स्केलेबल बिज़नेस मॉडल और लॉन्ग ग्रोथ रनवे के साथ कंपनियों में निवेश करने पर केंद्रित है. फंड उन अच्छी कंपनियों में भी निवेश करने के लिए खुला है, जिनका कारोबार परिवर्तनकारी बदलाव के दौर से गुजर रहा है. फंड शुद्ध बॉटम अप स्टॉक शेयर का चयन करता है, जिसका लंबे अवधि में पोटेंशियल बढिया हो. यह फंड विभिन्न क्षेत्रों और उद्योगों को कवर करने वाले लगभग 70 स्टॉक के साथ एक विविध पोर्टफोलियो भी बनाता है.

फंड की स्थापना 7 अप्रैल, 2004 को हुई थी. 30 जून, 2021 तक, 3.60 लाख से अधिक यूनिट होल्डर खातों के साथ इसका असेट अंडर मैनेजमेंट 5800 करोड़ रुपये का है. फंड एक लेबल उत्पाद के लिए सही है. ये 85 से 90 फीसदी मिड कैप और स्मॉल कैप कंपनियों में आवंटन करता है. फंड लगभग 65% निवेश मिडकैप कंपनियों में, 20% स्मॉल कैप कंपनियों में और शेष लार्ज कैप कंपनियों में निवेश करता है. इस स्कीम की शीर्ष होल्डिंग चोला मंडलम इन्वेस्टमेंट एंड फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड, एस आर एफ लिमिटेड, , जुबिलेंट फूडवर्क्स लिमिटेड, ट्यूब इनवेस्टमेंट्स ऑफ इंडिया लिमिटेड, एमफैसिस लिमिटेड, क्रॉम्पटन ग्रीव्स कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, भारत फोर्ज लिमिटेड, फेडरल बैंक लिमिटेड और गुजरात गैस लिमिटेड के पोर्टफोलियो का लगभग 27% हिस्सा है.

अपने विविध प्रदर्शन के साथ फंड का उद्देश्य पोर्टफोलियो में एक बेहतर रिटर्न ऑन कैपिटल एम्प्लॉइड  और कैश फ्लो प्रोफ़ाइल वाली कंपनियों के साथ सही मिश्रण के द्वारा जोखिम और इनाम के बीच संतुलन बनाना है. इससे पोर्टफोलियो के तेज रिटर्न डाइवर्जेंस और अस्थिरता को कम करने में मदद मिलेगी.

अनुसंधान और फंड प्रबंधन में यूटीआई का समृद्ध अनुभव, मिड और स्मॉल कैप में कंपनियों के बड़े क्रॉस सेक्शन के कवरेज से मिलकर फंड को गुणवत्ता वाले शेयरों को चुनने में मदद करेगा.

यूटीआई मिड कैप फंड उन निवेशकों के लिए उपयुक्त है, जो मुख्य रूप से मिड कैप कंपनियों में निवेश कर रहे हैं और अपनी अंतर्निहित विकास क्षमता के साथ अपने मुख्य इक्विटी पोर्टफोलियो के पूरक के लिए निवेश कर रहे हैं.

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