Editor- Manish Mathur
जयपुर, 20 जुलाई, 2022: लोग मसल्स में खिंचाव के इलाज के लिए परंपरागत थेरेपी की जगह आधुनिक थेरेपी का उपयोग कर रहे हैं। जहां परंपरागत थेरेपी में शरीर की मालिश के साथ-साथ उठक- बैठक, दंड पेलना जैसी एक्सरसाइज की जाती थी, वही आधुनिक बीटीएन हाइड्रोथेरेपी में पानी में कसरत की जाती है। यह थेरेपी मसल्स की चोट, स्ट्रेचिंग, जोड़ों की रेंज इंप्रूव करने में, कार्डियक सर्जरी के बाद फिटनेस को इंप्रूव करने में, लिगामेंट सर्जरी के बाद रिकवरी, सेरेब्रल पाल्सी, जोड़ों और घुटने का दर्द, गठिया, गठिया बाय, मसल्स की अकड़न, फिटनेस बढ़ाने, वेट लॉस के लिए कारगर साबित हुई है। फिजियोथैरेपिस्ट डॉ. मनोज माथुर ने बताया कि बायोन्सी, हाइड्रोस्टेटिक प्रेशर और सरफेस टेंशन पानी की मेन प्रॉपर्टीज होती है। यह प्रॉपर्टीज शरीर की कसरत में सहायता करती है। बीटीएन हाइड्रोथेरेपी पानी के पुल में फिजियो की निगरानी में की जाती है। पुल में ट्रेडमिल साइकिलिंग और अन्य इक्विपमेंट की मदद से एक्सरसाइज की जाती है। पानी का टेंपरेचर पेसेंट की बीमारी के अनुसार गर्मी में ठंडा और सर्दी में गर्म रखा जाता है। पुल में वाटर टेंपरेचर कंट्रोलर के साथ-साथ फिल्टर, हाइजीन मेंटेन और बेब्स बनाने वाली मशीनें भी होती है। मरीज को पुल तक जाने में दिक्कत होने पर पेशेंट लिफ्टिंग सिस्टम का उपयोग किया जाता है। इसमें 260 किलोग्राम वजन लिफ्ट किया जा सकता है। एक्सरसाइज सेशन मिनिमम 30 से 45 मिनट और मैक्सिमम 60 मिनट का होता है।
पत्रिका जगत Positive Journalism