महामहिम सुश्री कैथरीन कोलोना, यूरोप और फ्रांस के विदेश मामलों की मंत्री ने डॉ. स्वाति पीरामल को लीजन डी’ऑनर से सम्मानित किया

मुंबई, 16 सितंबर, 2022 फ्रांस की यूरोप और विदेश मामलों की मंत्री महामहिम सुश्री कैथरीन कोलोना ने आज मुंबई में पीरामल ग्रुप की वाइस चेयरपर्सन डॉ स्वाति पीरामल को शेवेलियर डे ला लेजियन डीऑनूर (नाइट ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर) से सम्मानित किया।

फ्रांस का यह सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार डॉ. स्वाति पीरामल की उत्कृष्ट उपलब्धियों और व्यापार और उद्योग, विज्ञान, चिकित्सा, कला और संस्कृति के क्षेत्र में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर योगदान के लिए दिया गया। वर्ष 2006 में, उन्हें फ्रांस के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान शेवेलियर डी ल’ऑर्ड्रे नेशनल डू मेरिट (नाइट ऑफ द ऑर्डर ऑफ मेरिट) से भी सम्मानित किया गया था।

डॉ. पीरामल भारत की अग्रणी वैज्ञानिकों और उद्योगपतियों में से हैं, जिनके नवाचारों, नई दवाओं और सार्वजनिक स्वास्थ्य में योगदान ने कई लोगों के जीवन को प्रभावित किया है। उन्होंने भारत और फ्रांस के बीच व्यापार और उद्योग, नवाचार, कला और संस्कृति को प्रोत्साहित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

मंत्री कैथरीन कोलोना ने यह उपाधि प्रदान करते हुए कहा, ‘फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की ओर से डॉ स्वाति पीरामल को फ्रांस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान लीजियन डी’ऑनूर प्रदान करना मेरे लिए बहुत खुशी और सौभाग्य की बात है। डॉ. पीरामल न केवल एक अग्रणी और उत्कृष्ट महिला व्यवसायी हैं, बल्कि एक ऐसी महिला व्यवसायी भी हैं जो समाज को वापस देने में भरोसा करती हैं। व्यापार और उद्योग, सार्वजनिक नीति, स्वास्थ्य प्रशासन और महिला नेतृत्व पर उनके मजबूत प्रभाव को भारत और विदेशों में व्यापक रूप से मान्यता प्राप्त है। इस पुरस्कार के माध्यम से, फ्रांस डॉ. पीरामल को फ्रांस के सच्चे मित्र के रूप में मान्यता देना चाहता है, जो विज्ञान, कला, संस्कृति, व्यंजन और व्यापार के क्षेत्र में भारत-फ्रांस संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए एक प्रेरक शक्ति बन गई हैं।’

इस सम्मान को पाने पर पीरामल ग्रुप की वाइसचेयरपर्सन डॉ स्वाति पीरामल ने कहा, ‘मैं वास्तव में शेवेलियर डे ला लेजियन डीऑनूर से सम्मानित होकर कृतज्ञ महसूस कर रही हूं। यह सम्मान पीरामल में मेरे सहयोगियों द्वारा भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापार और व्यवसाय, विज्ञान, कला व संस्कृति में किए गए प्रयासों को मान्यता भी है,  यह सम्मान हमें दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में काम करने के लिए और प्रेरित करेगा। पीरामल समूह का फ्रांस के साथ कला-संस्कृति और व्यापार दोनों क्षेत्रों में एक लंबा संबंध है। मुझे विश्वास है कि हमारे प्रयासों को मिली यह मान्यता आने वाले समय में हमारी साझेदारी को और भी अधिक ऊंचाइयों पर ले जाएगी।’

डॉ. पीरामल भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में से एक पद्मश्री की प्राप्तकर्ता भी हैं। उन्होंने न केवल महिलाओं में नेतृत्वकारी भूमिकाओं का समर्थन किया है, बल्कि इन भूमिकाओं में महिलाओं को बढ़ावा देने के लिए ढांचा और नीतियां विकसित की हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री भारत व्यापार सलाहकार परिषद और वैज्ञानिक सलाहकार परिषद के सदस्य के रूप में कार्य किया है। वह वर्तमान में हार्वर्ड ग्लोबल एडवाइजरी काउंसिल में हैं।

पीरामल फाउंडेशन के निदेशक के रूप में, वे अभिनव दीर्घकालिक और स्केलेबल समाधान विकसित करने में भी शामिल है जो भारत की आर्थिक और सामाजिक प्रगति को और गति प्रदान करेगा। निजी-सार्वजनिक-भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के माध्यम से सार्वजनिक स्वास्थ्य, पानी और शिक्षा में प्रभावी सार्वजनिक नीति और शासन की दिशा में फाउंडेशन के प्रयासों का भी वे नेतृत्व करते हुए भारत के एसडीजी लक्ष्यों में योगदान देती हैं।

मुंबई में पीरामल म्यूजियम ऑफ आर्ट्स वर्तमान में सितंबर के अंत तक ’साइंस बियॉन्ड बॉर्डर्स’ प्रदर्शनी की मेजबानी कर रहा है। भारत में फ्रांसीसी संस्थान और उसके सहयोगियों द्वारा क्यूरेट की गई यह प्रदर्शनी फ्रांस और भारत के बीच वैज्ञानिक सहयोग के समृद्ध इतिहास को प्रदर्शित करती है। यह प्रदर्शनी भारत की 75वीं स्वतंत्रता वर्षगांठ और फ्रांस और भारत के बीच राजनयिक संबंधों के 75 वर्षों को चिह्नित करने के लिए फ्रांस द्वारा बड़े पैमाने पर आयोजित एक सांस्कृतिक और कलात्मक उत्सव बोनजोर इंडिया 2022 का हिस्सा है।

 

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