बैंक ऑफ इंडिया ने वार्षिक और क्रमिक रूप से शुद्ध लाभ में वृद्धि दर्ज की

मुंबई, 18 जनवरी 2023- सार्वजनिक क्षेत्र के प्रमुख बैंकों में से एक बैंक ऑफ इंडिया ने शुद्ध लाभ में क्रमिक रूप से 20 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। 31 दिसंबर, 2022 (वित्त वर्ष 23 की तीसरी तिमाही) को समाप्त अवधि में बैंक का शुद्ध लाभ 1151 करोड़ रुपए दर्ज किया गया। ऑपरेटिंग मार्जिन में क्रमिक रूप से 8 प्रतिशत की लगातार वृद्धि से यह संभव हुआ है।

बैंक ने तीसरी तिमाही के दौरान विभिन्न महत्वपूर्ण मापदंडों में उल्लेखनीय सुधार प्रदर्शित किया है। ऑपरेटिंग प्रॉफिट उछलकर 3,652 करोड़ रुपए पर पहुंच गयाइसमंे सालाना आधार पर 74 प्रतिशत और क्रमिक रूप से 8 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई। एसेट्स पर रिटर्न (आरओए) 55 बीपीएस रहा। एनआईएम प्रतिशत 3.28 फीसदी रहाजो घरेलू एनआईएम 3.72 प्रतिशत द्वारा संचालित है। लाभप्रदता में वृद्धि मुख्य रूप से अग्रिमों में वृद्धिविशेष रूप से आरएएम और कॉर्पाेरेट क्षेत्रों में वृद्धि के कारण हुई है।

एनआईएम प्रतिशत में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गईजो कि 3.28 प्रतिशत थीजो साल-दर-साल 101 बीपीएस की वृद्धि के साथ-साथ उच्च क्रेडिट निकासी थी। एनआईआई सालाना 64 प्रतिशत की बढ़ोतरी और क्रमिक रूप से 10 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 5,596 करोड़ रुपए पर और  अग्रिमों पर आय 7.67 प्रतिशत थी, 46 बीपीएस तिमाही-दर-तिमाही और 65 बीपीएस साल-दर-साल।

आरएएम अग्रिमों में वर्ष-दर-वर्ष 13.24 प्रतिशत की वृद्धि हुई और यह कुल अग्रिमों का 54.14 प्रतिशत था। घरेलू आधार पर सीएएसए जमा में साल-दर-साल 3.70 प्रतिशत की वृद्धि हुई और घरेलू सीएएसए की हिस्सेदारी कुल जमा राशि का 44.56 प्रतिशत रही।

रिकवरी के मोर्चे परबैंक ने कई कदम उठाएजिससे सकल एनपीए प्रतिशत घटकर 7.66 प्रतिशत हो गयाजिसमें साल-दर-साल आधार पर 280 बीपीएस की भारी गिरावट आई और साथ ही सकल एनपीए में सालाना आधार पर 6,875 करोड़ रुपए की कमी आई। नेट एनपीए प्रतिशत भी घट गया है और सालाना आधार पर 105 बीपीएस से नीचे 1.61 प्रतिशत पर पहुंच गया है। स्लिपेज अनुपात 0.27 प्रतिशत रहा और इसमें 20 बीपीएस की गिरावट आई। सकल एनपीए और शुद्ध एनपीए दोनों ही साल-दर-साल और तिमाही-दर-तिमाही के आधार पर पूर्ण और प्रतिशत आधार पर कम हुए हैं।

कॉस्ट टू इनकम रेशियो (वैश्विक) क्रमिक रूप से 48.03 प्रतिशत (31.12.2022 तक) तिमाही-दर-तिमाही, 48.10 प्रतिशत (30.09.2022 तक) और 60.03 प्रतिशत (31.12.2021 तक) था।

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