केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने मुंबई में श्री नारायणन वाघुल द्वारा लिखित पुस्तक ‘रिफ्लेक्शंस’ का विमोचन किया

मुंबई, 29 अप्रैल, 2023- माननीय केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज मुंबई में प्रसिद्ध बैंकर श्री नारायणन वाघुल द्वारा लिखित पुस्तक ‘रिफ्लेक्शंस’ का विमोचन किया। यह पुस्तक भारत के वित्तीय परिदृश्य के बारे में श्री वाघुल के दशकों के अनुभवों का एक ज्वलंत विवरण प्रस्तुत करती है। पुस्तक विमोचन समारोह में श्री के.वी. कामथ, चेयरमैन, नेशनल बैंक फॉर फाइनेंसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट (एनएबीएफआईडी), सुश्री कल्पना मोरपारिया, पूर्व चेयरपर्सन, जे.पी. मॉर्गन दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया, साथ ही प्रतिष्ठित बैंकर और प्रमुख वित्तीय संस्थानों के सदस्यों ने भी भाग लिया।

व्यापक रूप से भारत में आधुनिक बैंकिंग के वास्तुकार के रूप में माने जाने वाले श्री वाघुल की पुस्तक में उनके शानदार करियर के दौरान घटी अनेक महत्वपूर्ण घटनाओं का वर्णन है। दिलचस्प और आकर्षक घटनाओं से भरपूर, यह पुस्तक विभिन्न ऐसे पहलों को छूती है जिसका हिस्सा होने का उन्हें सौभाग्य प्राप्त हुआ था।

श्री वाघुल द्वारा स्थापित प्रक्रियाएं भारतीय वित्तीय प्रणाली में मजबूत और टिकाऊ प्रथाएं बन गईं चुकी हैं। उन्होंने बैंकिंग प्रतिभा के कई दिग्गज लोगों को सलाह देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और बैंकिंग सेक्टर में अधिक महिला सीईओ को सक्रिय रूप से तैयार किया है, जिससे जेंडर-न्यूट्रल योग्यता की संस्कृति को बढ़ावा मिला है।

माननीय केंद्रीय वित्त और कॉर्पाेरेट मामलों की मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने इस अवसर पर श्री नारायणन वाघुल के बैंकिंग संबंधी व्यापक अनुभव और उनके नेतृत्व गुणों की सराहना की। उन्होंने ऐसे अग्रणी लोगों को सलाह देने में उनके योगदान को भी सराहा। उनके इस प्रयास ने समाज पर एक स्थायी प्रभाव छोड़ा है। उन्होंने महिला सशक्तिकरण पर श्री वाघुल के विचारों और दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला, जो भारत के लिए प्रासंगिक और मूल्यवान बने रहेंगे, क्योंकि अधिक महिलाएं वित्तीय सेवाओं में लीडरशिप की भूमिका निभा रही हैं।

इस अवसर पर पिरामल ग्रुप के चेयरमैन श्री अजय पिरामल ने कहा, ‘‘श्री नारायणन वाघुल द्वारा लिखे गए संस्मरणों के इस खजाने को लॉन्च करते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है, जिनके प्रति मेरे मन में गहरा सम्मान है और मैं अक्सर मार्गदर्शन के लिए उनसे संपर्क करता हूं। उनसे मुझे हमेशा प्रेरणा मिलती रही है। श्री वाघुल को भारत में बैंकिंग का भीष्म पितामह माना जाता है और उनकी जीवन यात्रा निस्वार्थ सेवा, राष्ट्र निर्माण, परामर्श और महिला सशक्तिकरण का प्रतीक है। मेरा मानना है कि उनकी यात्रा से मिली सीख युवा पीढ़ी के लिए अत्यधिक प्रासंगिक है। वैल्यू सिस्टम को लेकर उनका मजबूत विश्वास वास्तव में उनके विभिन्न पेशेवर और व्यक्तिगत प्रयासों में नजर भी आता है। उनके विजन और अनुभवों से भरी पुस्तक ‘रिफ्लेक्शंस’ हमें व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से भविष्य में प्राप्त किए जाने वाले लक्ष्यों के लिए खुद को तैयार करने के लिए प्रेरणा प्रदान करती है।’’

‘रिफ्लेक्शंस’ के लेखक श्री नारायणन वाघुल ने कहा, ‘‘मैं श्रीमती निर्मला सीतारमण जी के प्रति अपनी गहरी कृतज्ञता व्यक्त करना चाहता हूं। इस अवसर की गरिमा बढ़ाने के लिए मैं श्री अजय पिरामल को भी धन्यवाद देना चाहता हूं, जिनके प्रति मेरे मन में गहरा सम्मान और स्नेह है। उनके प्रोत्साहन के कारण ही मैं सात दशकों से अधिक समय तक फैले अपने संस्मरणों को लिखने के लिए प्रेरित हो सका।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मेरा करियर इस लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण रहा कि इस दौरान अनेक गंभीर घटनाओं ने आकार लिया और आज मेरे अपने अनुभवों के एक संकलन – मेरे दृष्टिकोण के आधार के रूप में इस पुस्तक को पेश करते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है। हमारा देश वर्तमान में दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और हमने न केवल समय-समय पर गंभीर उथल-पुथल का सामना किया है, बल्कि इस तरह के संकटों पर काबू पाने और अपनी परंपराओं के लिए एक मजबूत कड़ी बनाए रखते हुए अपनी मजबूती को फिर से हासिल करने में उल्लेखनीय सफलता भी हासिल की है। आज जरूरत इस बात की है कि अग्रणी लोग एक साथ आएं और वैल्यू सिस्टम को युवा पीढ़ी तक पहुंचाएं, क्योंकि आज यह और भी जरूरी हो गया है। यही वो पीढ़ी है जो आने वाले वर्षों में समाज का आधार बनेगी। मेरी राय में शिक्षा पाठ्यक्रम में वैल्यू एजुकेशन को फिर से स्थान दिए जाने से भारतीय अर्थव्यवस्था को अपनी पूर्ण विकास क्षमता हासिल करने में बहुत मदद मिलेगी।’’

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