जेनोवा द्वारा विकसित, भारत के पहले एमआरएनए बेस्ड ओमिक्रोन-स्पेसिफिक बूस्टर वैक्सीन को मिली डीसीजीआई की मंज़ूरी

पुणे, भारत, 26 जून, 2023: जेनोवा बायोफार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड इस पुणे की कंपनी ने घोषणा की कि उसके एमआरएनए  कोविड-19 बूस्टर वैक्सीन – GEMCOVAC®-OM को सार्स-सीओवी-2 के ओमिक्रॉन वैरिएंट के लिए ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) के कार्यालय से इमरजेंसी यूज़ ऑथोराइजेशन (EUA) प्राप्त हुआ है।
GEMCOVAC®-OM पहला बूस्टर कोविड-19 वैक्सीन है जिसे भारत में अत्यधिक संक्रामक  ओमिक्रॉन वैरिएंट के खिलाफ विकसित किया गया है। भारत के 13 शहरों में 20 केंद्रों पर किए गए क्लिनिकल परीक्षण के तीसरे चरण में GEMCOVAC®-OM से प्रभावकारी प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया मिली है। दूसरे और तीसरे चरण के परीक्षणों में, लगभग 3000 लोगों को GEMCOVAC-OM दिया गया और उसमें यह वैक्सीन सुरक्षित पाया गया और अच्छी तरह से सहन किया गया।
एहतियाती/बूस्टर खुराक के रूप में उपयोग किए जाने वाले वर्तमान में मंज़ूरी दिए गए वैक्सीन्स  को सार्स-सीओवी-2 के इसके पहले के स्ट्रेन के खिलाफ डिज़ाइन किया गया है। हालांकि ये एंटीबॉडी टाइटर्स को बढ़ाते हैं, लेकिन सार्स-सीओवी-2 के संक्रमित हो रहे ओमिक्रॉन वैरिएंट को बेअसर करने की उनकी क्षमता सीमित है। ओमिक्रॉन वैरिएंट के लिए विशिष्ट एंटीबॉडी और मेमरी प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया विकसित करने से संक्रमण और अस्पताल में भर्ती होने की संभावना कम हो जाएगी और भविष्य में महामारी की लहरों को रोका जा सकेगा। भारत में बनाया गया GEMCOVAC®-OM इन कमियों दूर करता है।
GEMCOVAC®-OM एक लैओफ़िलाइज़्ड (फ़्रीज़ ड्राइड) वैक्सीन है, जो 2- 8 डिग्री सेल्सियस पर स्थिर रहता है।
यह वैक्सीन फार्माजेट, यूएसए द्वारा विकसित ट्रॉपिस®  डिवाइस का उपयोग करके त्वचा के अंदर दिया जाता है। सुई रहित उपकरण होने की वजह से यह उपकरण सुई का डर, शार्प्स डिस्पोज़ल और सुई के कारण होने वाली चोटों जैसे सुई का उपयोग करने के नुकसान को कम करता है।
जेनोवा बायोफार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड के सीईओ डॉ. संजय सिंग ने कहा, “आज तक पूरी न की गयी मेडिकल ज़रूरतों को पूरा करने के लिए वैश्विक वैज्ञानिक समुदाय के प्रयास के एक हिस्से के रूप में, जेनोवा टीम, स्वास्थ्य आपात स्थितियों से निपटने के लिए तैयार है। कोविड-19 बना रहेगा और उसके कई वैरियंट आते रहेंगे, आने वाले नए वैरियंट से निपटने के लिए वैक्सीन के साथ तैयार रहने की आवश्यकता है। भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के सहयोग से विकसित किया गया एमआरएनए प्लेटफॉर्म भविष्य में किसी भी प्रकार की चिंता के लिए तुरंत वैक्सीन विकसित करने का अवसर प्रदान करता है। वैक्सीन्स घातक बीमारियों के खिलाफ मानव जाति के लिए सबसे अच्छे कवच बने हुए हैं।”
बेहतर स्वास्थ्य के लिए समाधान खोजने के लिए अनुसंधान करते रहने की जेनोवा की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए जेनोवा बायोफार्मास्युटिकल्स लिमिटेड के सीओओ श्री समित मेहता ने कहा, “जेनोवा ने कुछ ही महीनों के भीतर भारत का पहला ओमिक्रॉन-वैरिएंट वैक्सीन सफलतापूर्वक विकसित कर लिया है। कोविड-19 वैक्सीन्स के लिए दुनिया भर में जो चुनौतियां आयी वह हम भलीभांति जानते हैं, इसीलिए हमें ख़ुशी है कि हम आधुनिकतम तकनीक एमआरएनए पर आधारित वैक्सीन विकसित कर पाए हैं।  हम अपने हितधारकों – मेडिकल क्षेत्र, सरकार, वैज्ञानिक समुदाय – के आभारी हैं, जिन्होंने एमआरएनए  प्रौद्योगिकी और अब ओमिक्रॉन विशिष्ट वैक्सीन की दिशा में हमारे प्रयासों में भरोसा रखा। एमआरएनए वैक्सीन प्लेटफॉर्म भारत और दुनिया के लिए कोरोनावायरस के खिलाफ एक सुरक्षा कवच बना हुआ है।”

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