बैंक ऑफ बड़ौदा और एक्सेंचर ने विजया बैंक की पूर्व शाखाओं का टैक्नोलाॅजी इंटीग्रेशन का काम पूरा किया

Editor-Rashmi Sharma

मुंबई, 19 अक्टूबर, 2020ः एक्सेंचर (एनवाईएसईः एसीएन) और बैंक ऑफ बड़ौदा ने बैंक ऑफ बड़ौदा के साथ पूर्व विजया बैंक की शाखाओं के प्रौद्योगिकी एकीकरण को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। यह भारत में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के पहले तीन-तरफा विलय के बाद के काम का एक हिस्सा था। अब एक्सेंचर, बैंक ऑफ बड़ौदा के साथ पूर्व देना बैंक की आईटी प्रणालियों के एकीकरण में मदद कर रहा है।

2019 में विजया बैंक और देना बैंक के विलय ने बैंक ऑफ बड़ौदा को देश में सार्वजनिक क्षेत्र का तीसरा सबसे बड़ा बैंक बनाया। प्रौद्योगिकी के एकीकरण का काम पूरा होने पर, यह मूल रूप से अपनी भारत-व्यापी ग्राहक सेवा और लगभग 9,000 बैंक शाखाओं और 12,000 से अधिक एटीएम के व्यवसाय संचालन नेटवर्क को समेकित करने में मदद करेगा।

मुख्य प्रौद्योगिकी भागीदार के रूप में अपनी भूमिका में एक्सेंचर ने तीन बैंकों के आईटी सिस्टम को समेकित करने का खाका विकसित किया और प्रौद्योगिकी एकीकरण रणनीति के निष्पादन की देखरेख कर रहा है, जिसमें डेटा माइग्रेशन, एप्लिकेशन और डेटा सेंटर समेकन के साथ ही साथ व्यापार निरंतरता प्रबंधन शामिल है। विजया बैंक माइग्रेशन के पूरा होने के बाद, 1,900़ विजया बैंक शाखाओं में से लगभग 21 मिलियन ग्राहक बैंक ऑफ बड़ौदा में स्थानांतरित हो गए हैं। महामारी के दौरान व्यापार की निरंतरता पर कोई प्रभाव नहीं डालने के साथ इस स्थानांतरण को दूरस्थ रूप से निष्पादित किया गया था।

बैंक आॅफ बड़ौदा के चीफ टेक्नोलाॅजी आफिसर शरद सक्सेना ने कहा, ‘हमारा प्रौद्योगिकी समेकन का लक्ष्य मर्ज की गई इकाई में नेक्स्ट जनरेशन के बैंकिंग अनुभव का मार्ग प्रशस्त करते हुए निर्बाध ग्राहक सेवाओं की पेशकश करना है। बैंक ऑफ बड़ौदा के साथ पूर्व विजया बैंक के प्रौद्योगिकी बुनियादी ढांचे के समेकन में एक्सेंचर की भूमिका ने हमें स्थानांतरण के दौरान अपने ग्राहकों को एक सहज, परेशानी मुक्त अनुभव प्रदान करने में मदद की है। प्रौद्योगिकी एकीकरण का ढांचा, पूर्व विजया बैंक ग्राहकों को अगली सूचना तक अपने मौजूदा भुगतान साधनों का उपयोग जारी रखने के दौरान बैंक ऑफ बड़ौदा की संपूर्ण सुविधाओे का विकल्प चुनने की क्षमता देता है।’

भारत में एक्सेंचर की फाइनेंशियल सर्विसेज प्रमुख सोनाली कुलकर्णी ने कहा ‘विलय के बाद के काम में प्रौद्योगिकी का सफल एकीकरण, सभी हितधारकों के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस सहयोग के साथ, हमारा उद्देश्य व्यावसायिक निरंतरता को सक्षम करते हुए, तीनों बैंकों में कर्मचारियों और ग्राहकों के सामने आने वाली दिक्कतों को कम करना है।’

2018 में, बैंक ऑफ बड़ौदा ने एक एनालिटिक्स सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (एसीओई) को विकसित करने और बनाए रखने के लिए एक्सेंचर के साथ सहयोग किया – एक सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म जिसमें केंद्रीय डेटा भंडार, कंपनी डेटा के एक पेटाबाइट (एक मिलियन गीगाबाइट) तक स्टोर कर सकता है और प्रमुख डेटा प्रौद्योगिकियां और तकनीक जैसे कि भविष्य आंकने वाले विश्लेषण से संचालित होता है।

 

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