वोकल और कू की पेरेंट कंपनी बॉम्बिनेट टेक्नोलॉजीज से अलग हुई शुनवेई कैपिटल

Editor-Manish Mathur

जयपुर 18 मार्च 2021  – मौजूदा निवेशकों के साथ कुछ प्रमुख भारतीयों ने वोकल और कू की मूल कंपनी बॉम्बिनेट टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड में शुनवेई कैपिटल की हिस्सेदारी खरीद ली है। इंडियन क्रिकेटर जवागल श्रीनाथ, बुकमाईशो के फाउंडर आशीष हेमराजानी, उड़ान के को-फाउंडर सुजीत कुमार, फ्लिपकार्ट के सीईओ कल्याण कृष्णमूर्ति और जीरोधा के फाउंडर निखिल कामत सहित प्रमुख भारतीयों ने शुनवेई कैपिटल के शेयर खरीदने की प्रक्रिया में हिस्सा लिया।

 

पूर्व भारतीय क्रिकेटर और तेज गेंदबाज जवागल श्रीनाथ ने कहा, ‘‘मैं भारत के सबसे ज्यादा चर्चित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में से एक ‘कू’ का समर्थन करते हुए बहुत खुश हूं। यह तथ्य अपने आप में बहुत महत्वपूर्ण और सराहनीय है कि वे इंटरनेट पर भारतीय भाषाई दर्शकों की आवाज को सामने लाने के लिए एक प्लेटफाॅर्म का निर्माण कर रहे हैं। एक भारतीय के नाते मैं पूरी ईमानदारी से उन्हें अपना समर्थन देता हूं।’’

 

कू के सीईओ और को-फाउंडर अप्रमेय राधाकृष्ण ने कहा, ‘‘जैसा कि पहले भी कहा गया था, हम 2.5 साल पहले अपनी कंपनी में निवेश करने के बाद शुनवेई कैपिटल के साथ चर्चा में जुटे थे, ताकि उसके बाहर निकलने का मार्ग आसानी से तैयार हो सके, क्योंकि हम वोकल के लिए धन जुटा रहे थे और अब शुनवेई कैपिटल मूल कंपनी बॉम्बिनेट टेक्नोलॉजीज से पूरी तरह अलग हो गई है।’’

 

बॉम्बिनेट टेक्नोलॉजीज में शुनवेई कैपिटल का 9 प्रतिशत से अधिक का हिस्सा था। यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि कू भारत की उन पहली कंपनियों में से एक है, जो पूरी तरह पारदर्शी तरीके से काम करती हैं और जो सुनियोजित वित्तीय लेनदेन करती है। कंपनी ने  भारत और दुनिया के लिए एक आत्मनिर्भर ऐप बनाने की अपनी प्रतिबद्धता को पूरी मजबूती के साथ पूरा किया है।

 

भारतीय भाषाओं में आवाज और विचारों को सामने लाने के लिए कू एक माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म है। उपयोगकर्ता कई भारतीय भाषाओं में टैक्स्ट, ऑडियो या वीडियो का उपयोग करके आसानी से अपने विचार प्रस्तुत कर सकते हैं और उन्हें बड़े पैमाने पर लोगों के साथ साझा कर सकते हैं। यह भारतीयों को एक-दूसरे के साथ जुड़ने, टिप्पणी करने और जुड़े रहने के लिए एक विश्वसनीय प्लेटफाॅर्म बन गया है। यह प्लेटफाॅर्म सक्रिय बातचीत की सुविधा देता है, क्योंकि क्रिएटर्स खुद को व्यक्त कर सकते हैं और यूजर्स कस्टमाइज्ड फीड के लिए अपनी पसंद के क्रिएटर्स को फाॅलो कर सकते हैं। यह एक अपनी तरह का एक ऐसा प्लेटफाॅर्म है जो देशी भारतीय भाषाओं की बारीकियों को ध्यान में रखकर बनाया गया है।

 

कू के बारे में

मार्च 2020 में अप्रमेय राधाकृष्ण और मयंक बिदावतका ने भारतीय भाषाओं में एक समावेशी माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म के रूप में कू को स्थापित किया था। यह एक ऐसा प्लेटफाॅर्म है, जहां भारत के विभिन्न क्षेत्रों के लोग अपनी मातृभाषा में खुद को अभिव्यक्त कर सकते हैं। भारत का सिर्फ 10 प्रतिशत हिस्सा अंग्रेजी बोलना पसंद करता है। 90 फीसदी मूल भारतीय भाषाओं को पसंद करते हैं। उनके लिए अपनी मूल भाषा में खुद को व्यक्त करने और उसी समुदाय के अन्य लोगों को खोजने के लिए इंटरनेट पर कोई जगह नहीं है। कू ऐसे भारतीयों को एक आवाज प्रदान करता है। कू हिंदी, कन्नड़, तेलुगू, तमिल, बंगाली, अंग्रेजी आदि कई भाषाओं में उपलब्ध है।

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