desh-apnayen-sahayog-foundation-holds-its-annual-awards-ceremony-to-recognize-champion-schools-and-teachers-and-star-students
desh-apnayen-sahayog-foundation-holds-its-annual-awards-ceremony-to-recognize-champion-schools-and-teachers-and-star-students

देश अपनाएं सहयोग फाउंडेशन के वार्षिक पुरस्कार समारोह का आयोजन

Editor-Manish Mathur

जयपुर 07 अप्रैल 2021 :  एक्टिज़ेन्स अर्थात जागरूक, जानकार और सक्रिय नागरिक बनने के लिए प्रयास कर रहे छात्रों के प्रयासों का गौरव करने के लिए देश अपनाएं सहयोग फाउंडेशन ने वार्षिक पुरस्कार समारोह का आयोजन किया।  फिलांथ्रोपिस्ट और लेखक सुश्री रोहिणी निलेकणी इस अवसर पर प्रमुख अतिथि के रूप में उपस्थित थी। इस पुरस्कार समारोह को देश अपनाएं के फेसबुक पेज पर लाइव आयोजित किया गया था।

 चैंपियन स्कूल्स अवार्ड इन दस विद्यालयों को प्रदान किया गया – अगरचंद मनमुल जैन स्कूल – चेन्नई, डीसीएम प्रेसीडेंसी स्कूल – लुधियाना, एचवीबी ग्लोबल अकादमी – मुंबई, नर्मदा कॅलोर्क्स पब्लिक स्कूल – भरुच, अवर लेडी ऑफ़ द रोजरी हाई स्कूल – गोवा, पवार पब्लिक स्कूल – डोंबिवली, श्री प्रज्ञा पब्लिक स्कूल – अजमेर, श्रीमती चांदबाई पगारिया जैन मैट्रिकुलेशन हायर सेकंडरी स्कूल – चेन्नई, सेंट जॉन्स यूनिवर्सल स्कूल – मुंबई और द पीएसबीबी मिलेनियम स्कूल – चेन्नई।

 20 शिक्षकों को चैंपियन टीचर्स अवार्ड दिया गया। सबसे ज़्यादा सक्रिय देश अपनाएं एक्टिज़ेन्स क्लब्स के प्रेसिडेंट और वाईस प्रेसिडेंट को भी इस अवसर पर सम्मानित किया गया।

 देश अपनाएं सहयोग फाउंडेशन की स्थापना 2015 श्री. वल्लभ भंशाली और उनके सहयोगियों ने की थी। भारत को विश्व का सबसे महान लोकतंत्र बना सकें ऐसे असाधारण नागरिक निर्माण करने का लक्ष्य लेकर यह फाउंडेशन आगे बढ़ रहा है।

 देश अपनाएं (और एनम ग्रुप) के संस्थापक और चीफ मेंटर श्री. वल्लभ भंशाली ने बताया, “लोकतंत्र 2.0 को वास्तव में साकार करने के लिए आंदोलन खड़ा करना देश अपनाएं का उद्देश्य है। लोकतंत्र 2.0 का अर्थ है जिसमें नागरिक सिर्फ दर्शक नहीं रहते बल्कि एक्टिज़ेन्स बनते हैं, ऐसे नागरिक जो समझते हैं कि शांति, स्वच्छता, कार्यक्षमता, प्रगतिशीलता यह सामूहिक अधिकार व्यक्तिगत अधिकारों को अर्थपूर्ण बनाने के लिए महत्वपूर्ण हैं।  यह कर दिखाने के लिए हमें अपने बच्चों को सिखाना होगा कि लोकतंत्र के ज़्यादा से ज़्यादा लाभ पाने के लिए लोकतंत्र का हर दिन पालन करना चाहिए और लोकतंत्र में सहभागी होना ही लोकतंत्र की नींव है। देश अपनाएं को बहुत ख़ुशी हो रही है कि हमारे प्रयासों से निष्क्रियता कम हो रही है, नए उपक्रमों से युवा पीढ़ी को प्रेरित किया जा रहा है ताकि उनके भविष्य पर उनका पूरा नियंत्रण रह सकें, इस क्रांति के लिए तैयार, प्रगतिशील विद्यालयों के साथ दीर्घकालिक साझेदारी भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।  हम मानते हैं कि केवल एक छोटा भाग ही नेतृत्व करेगा – फिर वो विद्यालय हो, शिक्षक, अभिभावक हो या छात्र हो। हर साल और ज़्यादा लीडर्स हमारे इस कार्य में जुड़ रहे हैं।”     

 प्रमुख अतिथि सुश्री रोहिणी निलेकणी ने बताया, “नागरिक होने के नाते अगर हम सक्रिय नहीं हैं तो जनसांख्यिकीय लाभ जनसांख्यिकीय विपदा बन सकते हैं। मैं युवाओं से अनुरोध करती हूं कि वे अपनी जिज्ञासा बनाए रखें, एक-दूसरे से जुड़े रहें, प्रतिबद्ध रहें और अपने मन में संवेदना को जगाए रखें। आपको जिनकी परवाह है उन मुद्दों के बारे में जानकारी प्राप्त करें और  विनम्रतापूर्वक, किसी भी अनुमान के बिना, खुद की सोच के साथ उनमें भाग लें। आप एक छोटी शुरूआत कर सकते हैं। ध्यान रहें कि असफल होने में कुछ भी गलत नहीं है।”

संगठन के बारे में:

देश अपनाएं की स्थापना एनम सिक्युरिटीज के सह-संस्थापक और चेयरमैन श्री. वल्लभ भंशाली और उनके सहयोगियों ने 2015 में की। नागरिकत्व की शिक्षा, स्वयंसेवी दृष्टिकोण और अपने आसपड़ोस के समाज के बारे में सजग रहना, शामिल होना इन तीन मुद्दों के आधार पर जिम्मेदार नागरिक और समाज निर्माण करके लोकतंत्र 2.0 के निर्माण में सहयोग प्रदान करना इस संगठन का उद्देश्य है। जिन विद्यालयों को उपक्रमों में शामिल होना है (इसके लिए कोई भी शुल्क नहीं लिया जाता) वे info@deshapnayen.org या 8898890202 पर संपर्क कर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए www.deshapnayen.org और www.fb.com/DeshApnayen को भेंट दें।

 प्रमुख अतिथि के बारे में जानकारी:

सुश्री रोहिणी निलेकणी अर्घ्यम की संस्थापक-चेयरपर्सन है।  टिकाऊ पानी और स्वच्छता के लिए उन्होंने इस फाउंडेशन की स्थापना की है। वह एक्स्टेप की सह-संस्थापक और डायरेक्टर है, यह एक लाभ निरपेक्ष शिक्षा मंच है। 2004 से 2014 तक वे प्रथम बुक्स की संस्थापक-चेयरपर्सन रही, यह बच्चों के लिए किताबें प्रकाशित करने वाली लाभ निरपेक्ष संस्था है।  उनके कार्यकाल के दौरान प्रथम बुक्स लाखों बच्चों तक पहुंचा। एक समर्पित फिलांथ्रोपिस्ट होने के नाते वे प्रशासन, जिम्मेदारी, स्वतंत्र मीडिया, शिक्षा, अनुसन्धान और पर्यावरणात्मक अनुकूलता इन क्षेत्रों में किए जाने वाले कामों को आर्थिक सहायता देती रहती है।

 इन सभी के पहले कई सालों तक वे पत्रकार के रूप में काम कर रही थी, उन्होंने कई बड़े प्रकाशनों के लिए काम किया है, लिखा है। 2017 में उन्होंने अपने पति श्री. नंदन निलेकणी के साथ मिलकर गिविंग प्लेज पर हस्ताक्षर किए, जिसमें उन्होंने अपनी आधी संपत्ति लोकोपकारी कामों के लिए देने का वचन दिया है।

About Manish Mathur