Monthly Archives: January 2023

सेलिब्रेशन गार्डन में विशाल निःशुल्क दिव्यांग सहायता शिविर

जयपुर, 7 जनवरी 2023। नारायण सेवा संस्थान, उदयपुर एवं अंतर्राष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन राजस्थान के संयुक्त तत्वावधान में 8 जनवरी को दिव्यांगजन की सेवार्थ जवाहर लाल नेहरू मार्ग स्थित सेलिब्रेशन गार्डन में विशाल निःशुल्क दिव्यांग ऑपरेशनार्थ जांच-चयन नारायण कृत्रिम अंग व कैलिपर माप तथा उपकरण वितरण शिविर आयोजित किया जाएगा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा एवं आयुर्वेद मंत्री …

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इन्फ्रास्ट्रक्चर एवं रियल एस्टेट उद्योग में विकास के चलते 2023 में निर्माण सामग्री का उद्योग 10 फीसदी विकास दर्ज करेगा, अपर्णा एंटरप्राइज़ेज़ लिमिटेड ने बताया

साल 2022 में निर्माण सामग्री के उद्योग में ज़बरदस्त बदलाव आए। इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास में तेज़ी से के चलते रियल एस्टेट उद्योग में तेज़ी से उछाल आया। निर्माण सामग्री का उद्योग तेज़ी से उछाल के बाद कोविड से पहले वाले स्तर तक पहुंच गया। सेक्टर ने 2022 में 10 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की। अब हम 2023 की ओर रूख कर रहे हैं, इस बीच विकास की गति धीमी होने के कोई संकेत नहीं हैं, इसके बजाए तीव्र विकास की पूरी संभावनाएं हैं। निर्माण सामग्री के सेक्टर में विकास, अर्थव्यवस्था के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, यह हमारे देश के जीडीपी में लगभग 9 फीसदी योगदान देता है और 51 मिलियन लोगों को रोज़गार प्रदान करता है। सांख्यिकी एवं प्रोग्राम कार्यान्वयन मंत्रालय के इन्फ्रास्ट्रक्चर एवं प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग डिविज़न के अनुसार 1 मई 2022 को देश में रु 26.7 ट्रिलियन (352.3 बिलियन डॉलर) की 1559 परियोजनाएं पाईपलाईन मेें थी। इनमें से कुछ परियोजनाएं तकरीबन पूरी हो गई हैं, हालांकि कुछ बड़ी परियोजनाओं का काम अभी बाकी है, ऐसे में निर्माण सामग्री के उद्योग में विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसके अलावा रिहायशी एवं कमर्शियल रियल एस्टेट का विकास भी इस उद्योग को तेज़ी दे रहा है। उम्मीद है कि 2023 में देश भर में नई परियोजनाओं के विकास में तेज़ी आएगी, जिसके चलते निर्माण सामग्री की मांग बढ़ेगी। आज के युवा अपने घर को प्राथमिकता दे रहे है, क्योंकि यह उन्हें लम्बे समय के लिए सुरक्षा देता है। महामारी के बाद लक्ज़री होम के बाज़ार में निवेश बढ़ा है। इन सब पहलुओं को देखते हुए गुणवत्तापूर्ण निर्माण सामग्री की मांग बढ़ेगी। इसके अलावा कॉर्पोरेट्स एवं व्यक्तिगत स्तर पर लोग जीवन के हरित तरीकों को अपना रहे हैं, जिससे सेक्टर को प्रोत्साहन मिल रहा है। उम्मीद है कि उद्योग जगत 2023 में दो अंकों में बढ़ोतरी दर्ज करेगा। श्री अश्विन रेड्डी, मैनेजिंग डायरेक्टर, अपर्णा एंटरप्राइज़ेज़ ने कहा, ‘‘सरकार द्वारा  देश को 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने के दृष्टिकोण और इसके लिए किए गए निवेश को देखते हुए सेक्टर में तेज़ी से विकास हो रहा है। नेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर पाईपलाईन हो या प्रधानमंत्री गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान; निर्माण सामग्री के उद्योग पर सकारात्मक प्रभाव के संकेत दिखाई देते हैं। उपक्षेत्र के नज़रिए से देखा जाए तो आरएमसी, यूपीवीसी विंडो एवं डोर सिस्टम, टाईल एवं मैनुफैक्चर्ड सैण्ड में विकास की पूरी संभावनाएं हैं। ज़्यादा से ज़्यादा उपभोक्ता चाह रहे हैं कि प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग कम से कम किया जाए, इसके लिए वे हरित विकल्पों को अपनाना चाहते हैं। उदाहरण के लिए, मैनुफैक्चर्ड सैण्ड या रोबो सैण्ड, नदी की मिट्टी के अच्छे विकल्प हैं, जिसे अपनाकर खनन के द्वारा प्रकृति पर दबाव को कम किया जा सकता है। इसी तरह यूपीवीसी विंडो एवं डोर सिस्टम, लकड़ी की खिड़कियों और दरवाज़ों के अच्छे विकल्प हैं। उपरोक्त पहलुओं को देखते हुए बाज़ार में अपार संभावनाएं हैं, हालांकि इन अवसरों का लाभ उठाने के लिए सरकार सहित सभी हितधारकों को एकजुट होकर प्रयास करने होंगे। भारत में आरएमसी का बाज़ार वर्तमान में 25 बिलियन डॉलर पर है, उम्मीद है कि अगले चार सालों में ये 15 फीसदी से अधिक विकास दर्ज करेगा। यूपीवीसी भी पीछे नहीं है, इसकी मांग 11 फीसदी सालाना की दर से बढ़ रही है, यह 2025 तक 7.3 बिलियन डॉलर के आंकड़े तक पहुंच जाएगा। एक महत्वपूर्ण पहलु यह है कि मुद्रास्फीती पर ध्यान देने की आवश्यकता है। आपूर्ति श्रृंखला में डिसरप्शन एवं राज्य सरकार द्वारा निर्माण सामग्री पर कर भी बड़ी समस्याएं हैं। सरकार को नैचुरल गैस और पेट्रोलियम सहित कर को तर्कसंगत बनाना होगा, निर्माण सामग्री जैसे सीमेंट पर कर की दर में कमी लानी होगी, जिस पर अभी सबसे ज़्यादा 28 फीसदी कर लगाया जा रहा है। इन सब तरीकों से उद्योग जगत पर मुद्रास्फीती के असर को कम किया जा सकता है। मुद्रास्फीती के परिणामस्वरूप श्रम एवं कच्चे माल की लागत बढ़ रही है। इस पर नियन्त्रण लगाकर सामग्री को किफ़ायती बनाया जा सकता है और स्थिति पर पर नियन्त्रण पाया जा सकता है। दूसरा ब्याज की दरें भी इस सेगमेन्ट को प्रभावित करती हैं, इसलिए सरकार को ब्याज दरों में भी कमी जानी चाहिए। इसके अलावा ज़रूरी निर्माण सामग्री के निर्माण पर ब्याज में छूट भी देनी चाहिए, ताकि उत्पादन की अप्रत्याशित रूप से बढ़ती लागत पर लगाम लगाई जा सके। तीसरा कुशल मैनपावर की कमी एक बड़ी समस्या है। स्टेटिस्टा के मुताबिक 2022 में निर्माण उद्योग में श्रम में तकरीबन 85 फीसदी कमी थी। ऐसे में कार्यबल को कुशल बनाने के लिए उचित योजना बनाने की आवश्यकता है। अंत में रियल एस्टेट परियोजनाओं में कई अनुमोदन चाहिए होते हैं, जो इस क्षेत्र के प्लेयर्स के लिए चुनौती बन जाते हैं। हालांकि पिछले 2-3 सालों में सरकार ने निर्माण उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कई प्रयास किए हैं, किंतु इस क्षेत्र में अभी भी कई चुनौतियां हैं, बेहतर भविष्य के लिए इन पर ध्यान देने की ज़रूरत है।

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TECNO PHANTOM X2 भारत में दुनिया के पहले 4nm मीडियाटेक डाइमेंसिटी 9000 5G चिपसेट के साथ लॉन्च

नई दिल्ली, जनवरी 6, 2023: इनोवेटिव टेक्नोलॉजी ब्रांड और 70 देशों में काम करने वाले TECNO कंपनी ने आज भारतीय मार्केट में PHANTOM X2 को लॉन्च कर दिया है। कंपनी ने इस स्मार्टफोन के जरिए प्रीमियम स्मार्टफोन कैटेगरी में एंट्री की है। पिछले महीने, ‘बियॉन्ड द एक्स्ट्राऑर्डिनरी’ थीम के साथ PHANTOM X2 सीरीज का वैश्विक लॉन्च दुबई, संयुक्त अरब अमीरात …

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इंदौर में आयोजित होने वाले पीबीडी सम्मेलन में प्रवासी राजस्थानी अमित कैलाश चंद्र लाठ को राष्ट्रपति करेंगी ’प्रवासी भारतीय सम्मान अवार्ड से सम्मानित

जयपुर, 5 जनवरी 2023: इंदौर में 8 से 10 जनवरी को आयोजित होने वाले प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन (पीबीडी) के 17वें संस्करण में प्रत्येक वर्ष की तरह राजस्थान फांउडेशन बढ़-चढ़ कर भाग ले रहा है। यह जानकारी कमिश्नर, राजस्थान फांउडेशन, श्री धीरज श्रीवास्तव ने दी। उन्होंने बताया कि इस सम्मेलन में विश्व भर से बड़ी संख्या में प्रवासी राजस्थानी शिरकत करेंगे। …

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जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2023 में गूंजेगी सशक्त महिलाओं की आवाज़

जयपुर, 5 जनवरी। आइकोनिक जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल का आयोजन 19 से 23 जनवरी, 2023 को होटल क्लार्क्स आमेर, जयपुर में होगा| इस साल, अपने 16वें संस्करण में, फेस्टिवल में उल्लेखनीय लेखिकाओं की कलम के रंग बिखरेंगे| फेस्टिवल के कई महत्वपूर्ण सत्र लेखिकाओं की उपलब्धि को समर्पित होंगे, जिनमें उनके लेखन के माध्यम से उनके सफ़र को बुना जायेगा| एक विशेष …

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आईआईएम उदयपुर ने सार्वजनिक नीति और विकास के क्षेत्र में रिसर्च को संयोजित करने के लिए कम्युनिटी के साथ समझौते पर किए हस्ताक्षर

उदयपुर, 04 जनवरी, 2023- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ उदयपुर (आईआईएमयू) के सेंटर फॉर डेवलपमेंट पॉलिसी एंड मैनेजमेंट (सीपीडीएम) ने नई दिल्ली स्थित पब्लिक पॉलिसी थिंक-टैंक और रिसर्च ऑर्गनाइजेशन कम्युनिटी के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह समझौता सार्वजनिक नीति और विकास सलाहकार क्षेत्र में रिसर्च और कंसल्टेंसी को एक साथ लाने का प्रयास करता है। आईआईएम उदयपुर …

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जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फैस्टिवल ‘जिफ’ पन्द्रहवां जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फैस्टिवल

6 जनवरी को शाम 4:30 बजे उठेगा दुनिया के सबसे अनूठे पन्द्रहवें जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फैस्टिवल का पर्दा दो बार के ग्रेमी विनर रिकी केज़, हॉलीवुड स्टार पामेला जय स्मिथ और सुमति राम के निर्देशन में जिया नाथ और सनातन चक्रवर्ती प्रस्तुत करेंगे अमीर खुसरो को समर्पित नृत्य रचना फिल्म अभिनेत्री सोनाली बेंद्रे भी करेंगी समारोह में शिरकत जानी-मानी अभिनेत्री, …

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जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2023 में हरेक के लिए है कुछ खास!

जयपुर, 4 जनवरी ।दुनिया के सबसे करिश्माईलिटरेरी शो, आइकोनिक जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के 16वें संस्करण का आयोजन 19 से 23 जनवरी, 2023 को होने जा रहा है| पांच दिवसीय इस साहित्यिक उत्सव में दुनिया के श्रेष्ठ वक्ता, लेखक और चिंतक होटल क्लार्क्स, आमेर, जयपुर में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाएंगे| इस साल, फेस्टिवल गुलाबी नगरी जयपुर को अपनी ऊर्जा, उत्साह और …

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वित्तीय वर्ष 22 के दौरान कारदेखो ग्रुप का संचालन राजस्व 81 फीसदी बढ़कर रु 1600 करोड़ तक पहुंचा

नई दिल्ली, 4 जनवरी, 2023ः:भारत के अग्रणी ऑटो-टेक ग्रुप कारदेखो ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए अपने परिणामों की घोषणा की है। ग्रुप ने संचालन से होने वाले राजस्व में 81 फीसदी की प्रभावशाली बढ़ोतरी दर्ज की, कंपनी का कुल राजस्व जो 2021 में रु 884 करोड़ थ, वह 2022 में बढ़कर रु 1598 करोड़ तक पहुंच गया। ग्रुप के …

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ज़ैगल प्रीपेड ओशन सर्विसेज लिमिटेड ने सेबी के यहाँ डीआरएचपी दाखिल किया

भिन्न मूल्य प्रस्ताव और विविधीकृत उपयोगकर्ता आधार के साथ व्यय प्रबंधन की अग्रणी कंपनी, ज़ैगल प्रीपेड ओशन सर्विसेज लिमिटेड (“कंपनी“) ने बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (“सेबी“) के पास अपना ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (“डीआरएचपी“) दाखिल किया है। कंपनी बिजनेस-टू-बिजनेस-टू-कस्टमर सेगमेंट में काम करती है और वित्तीय प्रौद्योगिकी उत्पादों एवं सेवाओं की विविध पेशकश के साथ विशिष्ट स्थान …

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